रेवाड़ी के रहने वाले दसवीं क्लास के छात्र हार्दिक कुमार दीवान ने करोना काल के दौरान चिकित्सकों को पीपीई किट पहनते समय आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए को-टर्मिनेटर शील्ड का आविष्कार किया है ताकि कोविड-19 मरीजों का इलाज करते समय पीपीई किट के साथ डॉक्टर को पसीना आना आदि समस्या उत्पन्न ना हो. मीडिया से बात करते हुए छात्र हार्दिक दीवान ने बताया कि वह मूल रूप से अंबाला सिटी का रहने वाला है फिलहाल 2 साल से रेवाड़ी में रह रहा है उन्होंने कोरोना काल की पहली और दूसरी लहर में चिकित्सकों को पीपीई किट पहनकर कोरोना संक्रमितों का इलाज करते हुए देखा है जिसमें चिकित्सकों को पीपीई किट पहनने के बाद कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसी को ध्यान में रखते हुए उसके मन में ख्याल आया कि क्यों ना कोई ऐसी शील्ड बनाई जाए जिससे इस समस्या का समाधान हो सके. उसके बाद जनवरी से उन्होंने इस पर रिसर्च करना शुरू किया और आठ महीने के अध्यन के बाद जो अविष्कार किया वह आपके सामने हैं. हार्दिक ने बताया कि को-टर्मिनेटर शील्ड डॉक्टर और प्रैक्टिशनर्स के लिए बनाई गई है जो पीपीई किट पहनने के दौरान मुख्य रूप से उनकी स्वेटिंग यानी पसीने की समस्या का समाधान करेगी.
यह शील्ड डॉक्टर को PPE किट पहनने के बाद भी पूरी तरह से कुलिंग टेंपरेचर उपलब्ध करवाएगी. इस को-टर्मिनेटर शील्ड की खास बात यह है कि इसमें कूलिंग टेंपरेचर के साथ एयर प्यूरीफायर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है जो ठंडी हवा को प्यूरिफाई कर शील्ड तक पहुंचाएगी जिससे काफी हद तक डॉक्टर्स की स्वेटिंग की समस्या का समाधान होगा. उन्होंने बताया कि इस शील्ड पर अभी और रिसर्च करना बाकी है जिसमें एयर प्यूरीफायर और कूलिंग टेंपरेचर शील्ड के अंदर ही मॉडिफाई किया जाएगा ताकि पीछे अलग से कूलिंग टेंपरेचर सिलेंडर ना बांधना पड़े. हार्दिक ने बताया की यह शिल्ड ना केवल Covid मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जा सकती है अपितु पोलूशन से भी बचाएगी. कोरोना की तीसरी लहर की आशंका भी बनी हुई है ऐसे में डॉक्टरों के लिए यह कॉ-टर्मिनेटर शिल्ड वरदान साबित होगी.
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और अंबाला सिटी से विधायक असीम गोयल ने भी हार्दिक को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और आईसीएमआर से अप्रूवल के लिए भेजा गया. हालांकि यह शील्ड थोड़ी महंगी जरूर है क्योंकि इसमें लगने वाले सभी यंत्र जर्मनी से मंगवाए गए हैं. यहां हम आपको बता दें कि मूल रूप से छात्र हार्दिक दिवान अंबाला सिटी के रहने वाले हैं.
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