रेवाडी। महार्षि वाल्मिीकि जयंति की पूर्व संध्या पर आज हरियाणा अनुसचित जाति पिछडा वर्ग व अप्लसंख्यक की बैठक मौहल्ला बाला सराय रेवाडी में आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष खुशीराम शर्मा ने की। बैठक में सदस्यों ने अपने-अपन विचार रखकर महार्षि वाल्मिीकि को याद किया और उनका उद्देश्य भारतीय समाज में हो रही कुरितियों को दूर करने व समाज में अनेकता में एकता रहा। अपने संबोधन में शर्मा ने कहा कि भारत एक विशाल देश है। इसमें अनेक जातियां हैं कितुं वे सब एक हैं।
यहां अनेकता में समपूर्णता के दर्शन होतें हैं। हमारे ऋिषि मुनियों ने बहूत कुछ दिया इनही ऋिषि मुनियों में महार्षि वाल्मिीकि का स्थान अग्रीणीय है। इन्होंने ही हमें सबसे पहले रामकथा लिखकर रामायण ग्रंथ लिखा जो प्रत्येक हिंदु बिना किसी भेदभाव के पढता है। इसमें राम की पितृ भक्ति और आदर्श के सरोबार है। बहूत कम लोग जानते हैं महार्षि वाल्मिीकि का नाम रत्नाकार था। अंत में श्री शर्मा ने कहा महार्षि वाल्मिीकि अपने सद्कर्मों और सुविचारों से बिना जातपात के आज के समाज की 36 जातियों में पूजनीय है, जो आज भी हजारों वर्षों के बाद किए जाते हैं। इस मौके पर बिजेंद्र सैनी, वासुदेव शर्मा, लीला राम सोनी, जयकिशन गेरा, महेंद्र कालरा, राजेंद्र मखीजा, जिलाध्यक्ष धमेंद्र कुमार जागिंड इत्यादि मौजूद रहे।
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