ग्राम समाचार,बौंसी,बांका।
सफलता एक ऐसा शब्द है, जो चार अक्षरों से मिलकर बना है, जिसे हम बहुत ही आसानी से लिख सकते है। लेकिन असल में इसे प्राप्त करना बहुत ही मुश्किल होता है। इस दुनिया में हर किसी का कोई सपना या लक्ष्य होता हैं, जिसे पाने के लिए वह ईमानदारी से मेहनत करता है। जीवन में किसी लक्ष्य को लेकर सपने देखना अच्छी बात है और उस लक्ष्य की प्राप्ति ही हमारी सफलता होती है। इतनी ही इमानदारी से कड़ी मेहनत कर और समय का सही उपयोग कर अपने लक्ष्य को प्राप्त किया है, बौसी प्रखंड के फागा पंचायत के एक छोटे से गांव नावाडीह निवासी नकुल प्रसाद दुबे की पौत्री भावना कुमारी (पायल दुबे) ने। भावना ने यूपीएससी में सफलता प्राप्त कर प्रखंड क्षेत्र सहित बांका जिला का नाम रोशन किया है। भावना कुमारी ने यूपीएससी परीक्षा में 376 वां रैंक हासिल किया है खास बात यह है कि भावना ने पहले ही प्रयास में सफलता पाई है। भावना की सफलता से पूरा
परिवार बेहद खुश है। मगर यहां तक का सफर आसान नहीं था। ग्रामीण परिवेश और सुविधाओं के अभाव के बावजूद दिन-रात इस सफलता के लिए मेहनत की है। भावना ने अपने इस उपलब्धि का पूरा श्रेय अपने दादा नकुल प्रसाद दुबे को दिया है। भावना का पूरा बचपन कष्ट में बीता। जब वह 5 वर्ष की थी तभी उनके पिता सुनील दुबे की मृत्यु हो गई। इसके बाद ननिहाल में ही रहकर पढ़ाई की। भावना के फूफा रोहित प्रसाद दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि, भावना के पिता पेशे से वकील थे। जो कि झारखंड के जामताड़ा कोर्ट में प्रैक्टिस किया करते थे। उनकी मृत्यु के बाद परिवार की स्थिति दयनीय हो गई। वर्तमान में झारखंड के बाघमारा में उनका आवास है। भावना अपने घर की इकलौती पुत्री है। इनकी प्रारंभिक पढ़ाई सेन फ्रांसिस स्कूल जसीडीह से हुई। देवघर कॉलेज से इन्होंने इंग्लिश ऑनर्स किया और यह गोल्ड मेडलिस्ट भी रही। इन्होंने यूपीएससी की पढ़ाई ऑनलाइन के माध्यम से पूरी की। वर्तमान में अभिभावक के रूप में इनके चाचा सुशील दुबे हैं। वहीं दूसरी ओर इनकी सफलता से बौसी प्रखंड के दलिया गांव निवासी रोहित प्रसाद दुबे, सच्चिदानंद दुबे, महेश आनंद दुबे, नीलम देवी, अंकित दुबे, राजकुमार दुबे, विद्या कुमारी, शिवानी कुमारी, रूपा कुमारी ने टेलीफोनिक बात कर भावना कुमारी को बधाई दी। उनके पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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