World : अमेरिकी B-52 बॉम्बर ने अफगानिस्तान में मचाया कोहराम, 200 तालिबानी एक झटके में 'साफ'


ग्राम समाचार, नई दिल्ली/काबुल।  अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से ही तालिबान के हौसले बुलंद हैं। उसके आतंकी पूरे देश पर कब्जा करने के लिए बड़े पैमाने पर हिंसा कर रहे हैं। अबतक अफगानिस्तान की तीन प्रांतीय राजधानियां तालिबान के कब्जे में आ चुकी हैं।

अफगानिस्तान में तालिबान आतंकियों के बढ़ते हमलों को देखते हुए अमेरिकी वायु सेना ने अब जवाबी कार्रवाई को तेज कर दिया है। राष्ट्रपति जो बाइडन के आदेश के बाद ऐक्शन में आए बोइंग बी-52 स्ट्रैटोफोर्ट्रेस और लॉकहीड एसी-130 गनशिप ने तालिबान के ठिकानों पर आसमान से कहर बरपाया है। बताया जा रहा है कि अमेरिका की एयरस्ट्राइक में तालिबान के कम से कम 200 आतंकी मारे गए हैं, जबकि सैकड़ों घायल हैं। अमेरिका ने भविष्य में तालिबान के ऊपर और भी हमले करने के संकेत दिए हैं।


अफगानिस्तान में तबाही मचा रहा तालिबान

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से ही तालिबान के हौसले बुलंद हैं। उसके आतंकी पूरे देश पर कब्जा करने के लिए बड़े पैमाने पर हिंसा कर रहे हैं। अबतक अफगानिस्तान की तीन प्रांतीय राजधानियां तालिबान के कब्जे में आ चुकी हैं। रिपोर्ट तो यह भी है कि तालिबान जल्द ही कंधार और हेरात पर भी कब्जा कर सकता है। अफगानिस्तान के 90 फीसदी बॉर्डर चेक पॉइंट्स पर भी तालिबान का कब्जा हो चुका है।

तालिबान पर अब 'आसमानी कहर' बरसाएगा अमेरिका, बाइडन ने B-52 और AC-130 से बमबारी का दिया आदेश, अफगानी रक्षा मंत्रालय ने की पुष्टि

अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता फवाद अमन ने ट्वीट कर बताया है कि वायु सेना ने आज शाम शेबेरगन शहर में तालिबान के जमावड़े और ठिकानों पर पर हमला कर 200 आतंकियों को मार दिया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इन हवाई हमलों में तालिबान के हथियार और गोला-बारूद के साथ उनके 100 से अधिक गाड़ियां भी बर्बाद हुई हैं।

तीन प्रांतीय राजधानियों पर तालिबान का कब्जा

अमेरिकी सेना के वापस जाने के बाद तालिबान तेजी से अफगानिस्तान पर कब्जा कर रहा है। 48 घंटे के अंदर तालिबान लड़ाकों ने देश की तीन प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा जमा लिया है। शुक्रवार को तालिबानी लड़ाकों ने निरमोज प्रांत की राजधानी जरांज पर कब्जा जमा लिया था। जिसके बाद शनिवार को इस आतंकी संगठन ने जोजजान में शेबर्गन शहर पर कब्जा कर लिया। रविवार को तालिबान ने सार-ए-पुल प्रांत की राजधानी कुंदुज पर अधिकार जमा लिया है।

डिफेंस तकनीकी पर नजर रखने वाली वेबसाइट फ्लाइटग्लोबल की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन अपने एच-6 स्ट्रेटजिक बॉम्बर्स को हटाकर अब आधुनिक एच-20 स्टील्थ बॉम्बर को तैनात करने की योजना बना रहा है। कई विशेषज्ञों ने यह भी आशंका जताई है कि चीन का यह विमान भी उसके दूसरे अन्य विमानों की तरह तकनीकी की चोरी कर बनाया गया है। इस विमान के पैटर्न अमेरिका के बी-2 और बी-21 बॉम्बर्स से मिलते जुलते हैं। वहीं नेशनल इंट्रेस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का यह विमान अब भी रहस्यमय बना हुआ है। जबकि अमेरिका के बी -2 और बी -21 बॉम्बर्स कॉम्बेट प्रूवन हैं जिन्हें कई युद्धों और खुफिया मिशन में आजमाया जा चुका है। ऐसे में यह विमान अमेरिका के सामने कोई बड़ी चुनौती खड़ी करने में सफल नहीं हो सकता है।

चीन ने अपने रहस्यमयी H-20 बॉम्बर को पहली बार 2019 में Zhuhai Airshow में प्रदर्शित किया था। वहीं, न्यूज़ीलैंड हेराल्ड की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि H-20 सुपरसोनिक स्टील्थ बॉम्बर चीन की स्ट्राइक रेंज को डबल कर सकता है। दिलचस्प बात यह है कि अभी किसी भी प्लेटफार्म पर इस विमान के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। पेंटागन के 2018 और 2019 के वार्षिक चाइना मिलिट्री पॉवर रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है। 2019 में प्रकाशित अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की वार्षिक चाइना मिलिट्री पॉवर रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का H-20 विमान 8500 किलोमीटर की दूरी तक हमला करने में सक्षम है। यह परमाणु और गैर परमाणु (पारंपरिक) हथियार ले जाने में सक्षम है।

B-2 स्पिरिट दुनिया के सबसे घातक बॉम्‍बर माने जाते हैं। यह बमवर्षक विमान एक साथ 16 B61-7 परमाणु बम ले जा सकता है। हाल ही में इसके बेड़े में बेहद घातक और सटीक मार करने वाले B61-12 परमाणु बम शामिल किए गए हैं। यही नहीं यह दुश्‍मन के हवाई डिफेंस को चकमा देकर आसानी से उसके इलाके में घुस जाता है। इस बॉम्‍बर पर एक हजार किलो के परंपरागत बम भी तैनात किए जा सकते हैं। यह दुश्‍मन की जमीन पर हमला करने के लिए सबसे कारगर बॉम्‍बर माना जाता है।

वर्ष 1997 में एक B-2 स्पिरिट बॉम्‍बर की कीमत करीब 2.1 अरब डॉलर थी। अमेरिका के पास कुल 20 B-2 स्पिरिट स्‍टील्‍थ बॉम्‍बर हैं। यह बॉम्‍बर 50 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए 11 हजार किलोमीटर तक मार कर सकने में सक्षम है। एक बार रिफ्यूल कर देने पर यह 19 हजार किलोमीटर तक हमला कर सकता है। इस विमान ने कोसोवा, इराक, अफगानिस्‍तान और लीबिया में अपनी क्षमता साबित की है।

सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है शेबेरगन

शेबेरगन सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अमेरिकी गठबंधन के समर्थन वाले उज्बेक लड़ाकू राशिद दोस्तम का गढ़ है, जिसकी मिलिशिया का गठन अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सुरक्षा बलों के सहयोग के लिए किया गया है। शेबेरगन के निवासियों ने भारी हवाई हमले की सूचना दी और उनका कहना है कि तालिबान ने नगर के जेल से कैदियों को मुक्त कर दिया है। उन्होंने नाम उजागर नहीं करने का आग्रह किया क्योंकि उन्हें दोनों पक्षों से खतरा हो सकता है।

(एजेंसी रिपोर्ट)

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