ग्राम समाचार, पाकुड़। एक अगस्त से सात अगस्त तक हर साल दुनियाभर के 120 देशों में विश्व स्तनपान वीक के तौर पर मनाया जाता है। जिसके उद्घाटन 1991 में हुआ था और पहली बार 1992 में मनाया गया था। इस आयोजन का उद्देश्य स्तनपान के लाभों और उसी के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है। हर साल, इस वीक के लिए एक थीम तय की जाती है और उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करने के प्रयास किए जाते हैं। विश्व स्तनपान सप्ताह 2021 का विषय है।वही बुधवार को प्रखंड मुख्यालय सहित प्रखंड पाकुड़िया अंतर्गत पंचायत गणपुरा पंचायत भवन में विश्व स्तनपान सप्ताह के शुभ अवसर पर बाल विकास पर परियोजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में पिरामल स्वास्थ्य के जिला परिवर्तन प्रबंधक तुहीन बनर्जी अमड़ापाड़ा प्रखंड से प्रखंड परिवर्तन पदाधिकारी अनिल कुमार गुप्ता एवं पाकुरिया प्रखंड से प्रखंड परिवर्तन पदाधिकारी मनोज महतो ने संयुक्त रूप से गनपुरा पंचायत अंतर्गत गर्भवती महिला एवं धात्री महिलाओं के बीच विश्व स्तनपान दिवस से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि मां का दूध ही शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है । वहा उपस्थित पिरामल स्वास्थ्य जिला परिवर्तन प्रबंधक तूहीन बनर्जी ने उपस्थित सभी लोगों को बताया कि 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह के रुप में मनाया जाता है । शिशु के जन्म के 1 घण्टे के भीतर माँ का पहला गाढा दूध शिशु को आवयश्क रूप से पिलाना है यह दूध शिशु के लिए अमृत समान है और 6 माह तक शिशु को केवल ओर केवल माँ का दूध ही पिलाना है साथ ही साथ जब शिशु का उम्र 6 माह हो जाने के बाद हल्का-हल्का ऊपरी आहार दिया जाता है तथा शिशु को 2 वर्ष तक ऊपरी आहार के साथ-साथ निरंतर रूप से मां का दूध अवश्य पिलाना चाहिए । स्तनपान से माँ व शिशु दोनों को लाभ होता है ।स्तनपान से स्तन कैंसर व गर्भाशय केंशर की संभावना कम होती है और स्तनपान से शिशु मृत्यु दर में 10 से 15 प्रतिशत तक कि कमी हो सकती है । उन्होंने बताया कि माँ का दूध शिशु के शारिरिक व मानसिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है और माँ का दूध शिशु को डायरिया ,निमोनिया, ओर कुपोषण से बचाने में सहायक है । नियमित स्तनपान परिवार नियोजन में सहायक है और स्तनपान शिशु की भावनात्मक जरूरत को पूरी करता है । मौके पर पकड़िया प्रखंड की महिला पर्यवेक्षिका आगता हांसदा ,मंदोदरी देवी एवं गनपुरा गांव के ग्रामीण उपस्थित थे।
ग्राम समाचार, पाकुड़ राजकुमार भगत की रिपोर्ट।
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