Jamtara News: कार्यक्रम में किसानों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ कैसे मिले एवं उन्नत खेती कर किसान आत्मनिर्भर कैसे बनें इस पर मंथन किया गया।

 

जामताड़ा स्थित दुलाडीह नगर भवन में जिला स्तरीय खरीब कार्यशाला समारोह का शुभारंभ करते जिला स्तरीय पदाधिकारी।

ग्राम समाचार, जामताड़ा।केंद्र एवं राज्य सरकार के सौजन्य से चल रहे किसान हित की योजनाओं का लाभ शत प्रतिशत किसानों को किस प्रकार उपलब्ध कराया जाए ताकि किसान फसल उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सकें इसी उद्देश्य को लेकर शुक्रवार को दोपहर बाद दुलाडीह स्थित नगर भवन में कृषि पशुपालन मत्स्य विभाग के सौजन्य से जिला स्तरीय खरीफ कार्यशाला समारोह संपन्न हुई। मौके पर डीआरडीए निदेशक जावेद अनवर इदरीसी ने बताया कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है, यहां के अधिकतर निवासी कृषि पर आश्रित हैं किसान जागरूक होकर नई-नई तकनीक आधारित खेती करें। इससे कम लागत में बेहतर उत्पादन व लाभ संभव है। खरीफ की खेती अहम है। इसलिए किसान धान के अलावा अन्य वैकल्पिक खरीफ फसलों की भी खेती जरूर करे। आगे कहा कि कृषि विभाग से संचालित योजनाओं का लाभ किसानों को देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाएं। उन्होंने कहा कि जिले में किसानों को योजनाओं का लाभ लेने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसको लेकर कृषि विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मी सजग रहे। किसानों के हित में चलाए जा रहे योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं हो कोई सुयोग्य लाभुक योजना के लाभ से वंचित नहीं हो।

जिला कृषि पदाधिकारी सबन गुड़िया ने कहा कि कर्मशाला का मुख्य उद्देश्य खरीफ फसल को लेकर संचालित कार्यक्रमों की जानकारी देना है। मौके पर किसानों को धान, मकई, अरहर, उड़द आदि फसलों के प्रबंधन एवं उसमें लगने वाली कीट एवं रोग की जानकारी दी। बताया की खरीफ वर्ष 2021-22 में प्राप्त राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजनातर्गत उपलब्ध विभिन्न। फसलों यथा मक्का, ज्वार, धान, अरहर, मूंग, उड़द सहित अन्य में प्राप्त कुल 35.55 क्विंटल बीज में कुल वितरण किया जा चुका है। 

वहीं विभिन्न प्रकार के धान प्रभेद, मक्का प्रभेद एवं ज्वार आदि में प्राप्त कुल 1170.50 क्विंटल बीज में से कुल बीज का वितरण किया जा चुका है।

मौके पर पीएम किसान के लाभुकों को केसीसी ऋण योजना की जानकारी दी गई बताया गया कि कुल लक्ष्य 52085 के विरुद्ध 37450 आवेदन में से 32724 केसीसी आवेदन बैंक को प्रेषित किया गया है। किसानों को उर्वरक में डीबीटी के लाभ के बारे में बताया गया। जिला अंतर्गत उर्वरक अनुज्ञप्ति धारी में बताया गया कि कुल उर्वरक में 119, बीज के लिए 70 एवं कीटनाशक आदि के लिए 15 अनुज्ञप्ति धारी कार्यरत हैं। जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार सिंह ने किसानों को पशुपालन विभाग में संचालित योजना की जानकारी दी ।जिला मत्स्य पदाधिकारी दीपंकर सीट ने मत्स्य पालन से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी गई।

मौके पर  कृषि वैज्ञानिक डॉ संजीव कुमार, एलडीएम,सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, एटीएम बीटीएम, सहित अन्य किसान मौजूद थे।

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Editor - कौशल औझा, जामताड़ा (झारखंड)

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