ग्राम समाचार न्यूज : रेवाड़ी : जापान के टोक्यो में अगस्त माह में होने वाले पैरा ओलिम्पिक गेम्स में रेवाड़ी के रहने वाले खिलाडी टेकचंद का चयन हुआ है। टेकचंद का जेवलिन थ्रो में सिलेक्शन होने पर जिले में ख़ुशी की लहर है। पैरा ओलिम्पिक कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से दिल्ली में 29-30 जून को खिलाड़ियों का ट्रायल हुआ था जिसमे देशभर से 24 खिलाड़ियों का चयन हुआ था। चयनित सूचि में एक नाम रेवाड़ी के खिलाडी टेकचंद महलावत का नाम भी शामिल है। ट्रायल में खिलाडी टेकचंद ने 29.66 मीटर जेवलिन थ्रो फेंका था। सिलेक्शन कमेटी की ओर से 5 जुलाई को चयनित खिलाड़ियों की सूची जारी कर दी गई है जिसमे टेकचंद को टिकट मिला है। ख़ुशी का बात ये है कि टेकचंद रेवाड़ी जिले के पहले खिलाडी है जिन्हे पैरा ओलिम्पिक में खेलने का अवसर मिला है। टेकचंद ने इस चयन का श्रेय अपनी मेहनत और कोच व माता पिता के मार्गदर्शन को दिया है। टेकचंद ने गेम्स में गोल्ड जीतकर लाने के साथ अपने देश और प्रदेश के साथ जिले का नाम रोशन करने की बात कही है। टेकचंद के कोच अरुण ने कहा कि टेकचंद बहुत ही मेहनती खिलाडी है दिव्यांग होने के बावजूद उसने अच्छी मेहनत की है और भविष्य में वह गोल्ड लाकर देश का नाम गौरवान्वित करेगा। सरकार भी खेलो को बढ़ावा देने के लिए ओर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए नई-नई खेल नीति ला रही है।
खिलाडी टेकचंद क़स्बा बावल के जटवाड़ा मोहल्ले से है जो अगस्त माह में टोक्यो पैरा ओलिम्पिक में जेवेलिन की एफ-54 कैटेगरी में भाग लेंगे। इससे पूर्व टेकचंद वर्ष 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए पैरा एसियन गेम्स में ब्रॉन्ज मैडल जीतकर देश का नाम रोशन कर चुके है। खिलाडी टेकचंद अभी खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग नारनौल में प्रशिक्षक के पद पर कार्यरत है। उनके पिता रमेशचंद का वर्ष 1994 में निधन हो गया था। वर्ष 2005 में एक सड़क दुर्घटना में टेकचंद ने अपने दोनों पैर खो दिए। दिव्यांग होने के बावजूद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और खेलो में निरंतर मेहनत करते हुए यह उपलब्धि हासिल की है। टेकचंद का कहना है कि देश के लिए मैडल जीत कर लाना ही उनका सपना है। इसी के चलते वे प्रतिदिन सुबह शाम राव तुलाराम स्टेडियम में मेहनत करते हुए पैरा ओलिम्पिक गेम्स की तैयारी करने में जुटे है।
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