Rewari News : सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाने के लिए 551 किसानों ने किया आवेदन, तालाब बनाने पर सरकार देगी 70-85 फीसदी अनुदान

रेवाड़ी, 22 जुलाई। मुख्यमंत्री हरियाणा श्री मनोहर लाल ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से जिला उपायुक्तों के साथ सूक्ष्म सिंचाई पद्धति, परिवार पहचान पत्र विषय को लेकर आयोजित बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक जिलें को सूक्ष्म सिंचाई के लिए जो निर्धारित लक्ष्य दिया गया उसके पूरा करने लिए किसानों को सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के लिए प्रेरित करें ताकि कम पानी के प्रयोग से अधिक पैदावार की जा सकें। उन्होंने कहा कि इससे एक और तो जल संचय को बढावा मिलेगा, वही दूसरी और खेती की लागत भी कम आयेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र कार्य के तहत शेष बचं कार्य को शीघ्र पूरा किया जायें।



  उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने विडियों कान्फ्रेंस में बताया कि जिले में कुल 03 लाख 02 हजार एकड़ खेती की जमीन हैं, जिसमें से 02 लाख 65 हजार सिंचित भूमि है। उन्होंने बताया कि सिंचित भूमि में से 02 लाख 60 हजार एकड़ भूमि ट्यूबवेल तथा 05 हजार एकड़ भूमि नहरी पानी से सिंचित की जाती हैं।
उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंस के बाद  सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिला में सूक्षम सिंचाई प्रणाली प्रणाली के तहत  किसानोंं का समूह या एकल किसान अगर ढाई एकड़ से 50 एकड़ तक की जमीन को सिंचित करने के लिए सूक्ष्म सिंचाई के लिए तालाब बनवाता है तो उस पर सरकार 70 से 85 फीसदी तक अनुदान देती है। वहीं पानी उठाने के लिए सरकार सब्सिडी पर सोलर पंप भी लगवाएगी। इसके अलावा किसान अगर मिनी स्प्रींकलर या टपका सिंचाई अपनाएगा तो उसे इसकी खरीद पर 85 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना के लिए किसानों को प्रेरित करें।
उपायुक्त ने बताया कि जिला में अब तक इस योजना के तहत 551 आवेदन आए हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा आवेदन करवाएं जाएं ताकि अधिक से अधिक क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के माध्यम से सिंचित किया जा सके। डीसी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है किसान गैर सिंचित क्षेत्र में टैंक बनवाकर नई प्रणाली को अपनाए वहींं सिंचित क्षेत्र में भी दूसरी प्रणाली को छोडक़र टपका व सूक्ष्म सिंचाई को अपनाएं।
उन्होंने बताया कि खेत जलघर योजना के अनुसार कम से कम ढाई एकड़ से 50 एकड़ क्षेत्र की सिंचाई के लिए किसानों की सोसायटी बनानी है। इसके बाद पाइप लाइन के जरिए खेतों में पानी पहुंचाया जाएगा। इतना ही नहीं किसानों को यहां से पानी उठाने के लिए सब्सिडी पर सोलर सिस्टम सरकार लगवाएगी ताकि वह बिना बिजली खर्च किए अपने खेतोंं को सिंचित कर सके। उन्होंने कहा कि तालाब के पास ही कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा।
डीसी ने बताया कि अब काडा से माइक्रो इरीगेशन को जोड़ दिया गया है। इस तरह अब इसका नाम मिकाडा कर दिया गया है। जिला में एकीकृत सिंचाई प्रणाली के लिए मिकाडा के माध्यम से काम होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन किसानों ने सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के लिए आवेदन किया है उनकी जांच जल्द की जाए ताकि उन्हें सरकार की योजना के अनुसार अनुदान दिया जा सके।
  इस मौके पर एसडीएम रविन्द्र कुमार यादव, एसडीएम कोसली होशियार सिंह, उपमण्डल अधिकारी कृषि दीपक कुमार के अलावा विभिन्न विभागोंं के अधिकारी मौजूद थे।
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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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