ग्राम समाचार,बौंसी,बांका।
ऐतिहासिक एवं पौराणिक मंदार स्थित भगवान मधुसूदन मंदिर में वर्ष 2020 की ही तरह इस वर्ष भी जगन्नाथपुरी की तर्ज पर निकाले जाने वाली रथयात्रा मंदिर परिसर तक ही सीमित रही। जितने भक्तों की भीड़ कोरोना काल से पहले भगवान मधुसूदन की रथयात्रा में देखने को मिलती थी, इस वर्ष वैसा नज़ारा नहीं दिखाई दिया। कोरोना को लेकर इस वर्ष भी भगवान मधुसूदन की नगर भ्रमण रथ यात्रा नहीं हो सकी। लेकिन मंदिर परिसर के सामने मैदान में ही रथ यात्रा का औपचारिक आयोजन संपन्न किया गया। भगवान मधुसूदन को मंदिर गर्भ गृह सिंहासन से उठाकर सतरंगी छतरी से आच्छादित जयकारे के बीच मुख्य द्वार स्थित रथ सिंहासन पर आरूढ़ किया गया। भगवान की एक झलक पाने के लिए लोगों की उमड़ पड़ी। हालांकि रथ यात्रा की पारंपरिक प्रक्रिया के औपचारिक आयोजन की अनुमति जरूर
थी। परंतु इसके सिमटे हुए स्वरूप की वजह से गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी भगवान मधुसूदन की रथ यात्रा का उत्सव फीका फीका महसूस किया गया। इन सबके बावजूद यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सोमवार को सबेरे से ही मंदिर तथा इसके परिसर के आसपास उमड़ पड़ी। भगवान मधुसूदन का अभिषेक, पूजा-अर्चना, भूमि व पंच देवता, रथ आदि पूजनोत्सव के बाद आरती उतारी गई। शांति जल से अभिसिंचित कर भगवान के रथ को खींचने की होड़ मची रही। रथ खींचने की एक परंपरा का निर्वहन किया गया। पांच से 10 कदम तक ही रथ को चलाकर मंदिर के मुख्य द्वार पर रथयात्रा का अनुष्ठान पूरा किया गया। कार्यक्रम में अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार चौधरी, प्रखंड विकास पदाधिकारी पंकज कुमार, थानाध्यक्ष राज किशोर सिंह, पुलिस इंस्पेक्टर गोपाल कुमार सिंह सहित पंडा समाज के लोगों में पुजारी लक्ष्मण झा,श्यामकांत झा,प्रेमशंकर झा,कृपाशंकर झा,उत्तम झा,आशु झा,शानू झा,नंदन झा,नीरज झा,पीयूष पाठक,निर्मल झा आदि मौजूद थे।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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