ग्राम समाचार,पाकुड़।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् पाकुड़ नगर द्वारा हूल दिवस मनाया गया । मौके पर विभाग संयोजक धनंजय साहा एवं जिला एस एफ डी प्रमुख अमित साहा द्वारा वीर सिद्धू- कान्हू की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया।विभाग संयोजक धनंजय साहा द्वारा सिदो - कान्हो की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सिदो-कान्हू मुर्मू का जन्म भोगनाडीह नामक गाँव में एक संथाल आदिवासी परिवार में सिद्धू मुर्मू का जन्म 1815 ई0 में हुआ था। एवं कान्हू मुर्मू का जन्म 1820 ई0 में हुआ था। संथाल विद्रोह में सक्रिय भूमिका निभाने वाले इनके दो भाई भी जिनका नाम चाँद मुर्मू और भैरव मुर्मू था। चाँद का जन्म 1825 ई0 में एवं भैरव का जन्म 1835 ई0 में हुआ था। इनके अलावा इनकि दो बहने भी थी जिनका नाम फुलो मुर्मू एवं झानो मुर्मू था। इन 6 भाई-बहनो का पिता का नाम चुन्नी माँझी था।सिदो-कान्हू ने 1855-56 मे ब्रिटिश सत्ता, साहुकारो, व्यपारियों व जमींदारो के खिलाफ एक विद्रोह कि शुरूवात की और अंग्रेज़ो के नाको चना दी। 30 जून 1855 को भेगनाडीह में संथालो आदिवासी की एक सभा हुई जिसमें 10,000 संथाल एकत्र हुए जिसमें सिदो को राजा, कान्हू को मंत्री, चाँद को मंत्री एवं भैरव को सेनापति चुना गया। संथाल विद्रोह भोगनाडीह से शुरू हुआ जिसमें संथाल तीर-धनुष से लेस अंग्रेजो पर टूट पड़े।मौके पर परिषद् के जिला एस एफ डी प्रमुख अमित साहा ,प्रदेश कार्यकारणी सदस्य विशाल भगत, नगर एस एफ डी प्रमुख सत्यम भगत, अबानी मोहन, समेत दर्जनों कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।
ग्राम समाचार, पाकुड़ राजकुमार भगत की रिपोर्ट।
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