ग्राम समाचार, पाकुड़। गर्मी के प्रारंभिक चरण से आम और लीची में मंजर प्रारंभ हो जाते हैं,पर इन्हें कभी पानी व धूप की आवश्यकता होती है और कभी यही पानी व धूप इनके लिए नुकसान का कारण बनता है। आम आने के प्रारंभिक चरण में पानी की आवश्यकता होती है। किंतु इसके साथ-साथ धूप व गर्मी भी आवश्यकता होती है। इस वर्ष अपने क्षेत्रों में समय पर वर्षा के साथ साथ गर्मी एवं धूप की कमी रही। फल स्वरुप आमों के फलन में बड़े आकार में नहीं हो सका। पाकुड़ जिले मे कई बड़े-बड़े बागान हैं जिनमें लड्डू बाबू का आम बागान एवं अली आम बागान काफी फेमस है । यहां के आम रांची पटना आरा अन्य बड़े बड़े शहरों में जाते हैं ।यूं कहे कि कि पूरा बागान पहले ही बुक हो जाता है । लड्डू बाबू आम बागान रांची के लिए पहले से ही बुक है। इसी प्रकार से जिले के अंदर छोटे बड़े कई बागान हैं। कोविड-19 के चलते आम का बाहर कम भेजे जाने से जिले में आम ₹25 से ₹35 प्रति किलो तक इस समय बिक रहे हैं। थोक मार्केट में आम साइज एवं रंग रूप के आधार पर 18 से ₹25 तक मिल जाते हैं । जब कि खुदरा भाव 25 से 35 ₹ किलो है। 100 में 3 किलो आम आराम से मिल जा रहे हैं ।अमो में लंगड़ा, दूधिया लंगड़ा, बंबईया, खिर्सापति, गोबिंदोभोग , मालदा गुलाब खास अभी अनेक प्रकार आम मार्केट में है ।किंतु सर्वाधिक मांग लंगड़ा एवं खिर्शा पति की है। बाजार में आम काफी मात्रा में उपलब्ध है जबकि लीची मार्केट से गायब है । दुकानदारों ने बताया कि अचानक हुए बेमौसम बारिश से लीची की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है ।लीची में पूरी तरह से कीड़े ने अपना जगह बना लिया है फल स्वरूप बाजार में लिची नहीं आ रहे हैं ।प्रारंभिक चरण में लीची ₹100 से ₹160 तक बीके ।किंतु इस समय यदि कहीं लीची मिल भी जाए तो 300 से ₹400 रू प्रति sekra से कम नहीं है। वह भी बाजार में उपलब्ध नहीं है। यदि हम सब्जी की बात करें आम लीची के साथ-साथ गेहूं टमाटर भिंडी बरबटी को नुकसान पहुंचा है । किंतु हरी सब्जियों में कुछ किसानों का मानना है लौकी काकडी बैगन झिगा , करेला झींगा बरबट्टी बैगन करेला नेनुआ को फायदा मिलने की संभावना है । किंतु अतिवृष्टि से नुसकान को भी नहीं रोका जा सकता। भिंडी ,खीरा आदि को नुस्कान हो रहे हैं।
ग्राम समाचार, पाकुड़ राजकुमार भगत की रिपोर्ट।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें