ग्राम समाचार, बोआरीजोर(गोड्डा))।राजमहल परियोजना ललमटिया कोयला खदान से विस्थापित स्थानीय ग्रामीण खादान के सामने बसडीह साईड में मुख्य महाप्रबंधक को तबादले के लिए रैयतों ने विरोध प्रदर्शन कर उठाई मांग
स्थानीय ग्रामीण खदान के नजदीक हाथ में लाल झंडी लिए बसडीहा,हररखा बाबूपुर,ग्रामीणों ने नारेबाजी की। विस्थापितों का कहना है कि वर्तमान सीजीएम से हमें कोई उम्मीद नहीं लग रहा है कि हमारी मुलभुत समस्याओं को दूर कर पायेंगे ईसीएल में दूसरा सीजीएम आना चाहिए।
यह जो तस्वीर आप देख रहे हैं झारखंड प्रदेश गोड्डा जिला में स्थित राजमहल परियोजना, ललमटिया कोयला खदान का है जो बोआरीजोर प्रखंड में स्थित है। आपको बता दें राजमहल परियोजना एशिया महादेश का सबसे बड़ा ओपेन कोयला खदान है जो दूसरी स्थान के श्रेणी में रखा गया है। लगातार पिछले कई वर्षों से राजमहल परियोजना ललमटिया कोयला खदान को जमीन नहीं मिल रही है जिसको लेकर मांईस आगे नहीं बढ़ पा रही है। लगातार स्थानीय भुदाताओं द्वारा बार-बार जमीनी नहीं देने को लेकर विरोध करते आए हैं कि राजमहल परियोजना को जमीन नहीं देना है। वहीं स्थानीय लोग बता रहे हैं कि यहां भुदाताओ के साथ विस्थापित और पुनर्वास को लेकर के सबसे बड़ी समस्या है। यहां के भूदाताओं का कहना है कि सरकारी मापदंड के अनुसार जो विस्थापित और पुनर्वास किया जाना चाहिए जो सरकारी नियम के अनुसार होना चाहिए वो नहीं हो पा रही हैं।
विस्थापित लोगों का कहना है कि पुनर्वास स्थल पर बिजली,पानी,सड़क,शिक्षा स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक से नहीं है। इसी मसले को लेकर आज लोग लाल झंडे लेकर दर्जनों की संख्या में यहां उपस्थित हैं। ग्रामीण आरोप लगा रहे हैं कि वर्तमान सीजीएम डीके नायक को हटाया जाए और दूसरा जीएम को लाया जाए।स्थानीय लोगों का कहना है कि विस्थापित लोगों की जो मूलभूत समस्या है उसे नहीं मिल पा रही है। जिसे लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। ललमटिया कोयला खदान से विस्थापित गांव के साथ काफी लंबे अरसे से विस्थापित और पुनर्वास को लेकर यहां के भुदाता परेशान हैं।
-ग्राम समाचार, बोआरीजोर(गोड्डा)।
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