Godda News: बोअरिजोर और सुंदर पहाड़ी के कृषकों को दी गई धान खेती का प्रशिक्षण




ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:-  ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र, गोड्डा के सभागार में बोआरीजोर प्रखंड के ग्राम-रानीडीह तथा सुन्दरपहाड़ी प्रखंड के ग्राम-चन्दना के प्रगतिशील किसानों को धान की खेती हेतु प्रशिक्षण दिया गया। वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान डाॅ0 रविशंकर ने बताया कि गोड्डा जिला के आदिवासी किसान मुख्य रूप से ऊपरी (टांड़) जमीन में धान की खेती करने के लिए देसी तथा लम्बी अवधि की प्रजातियों का चयन और सघन रोपाई करते हैं। धान की नर्सरी लगाने से पहले बीज को फफूँदनाशी बाविस्टीन की मात्रा 2 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें। किसानों को कम अवधि में तैयार होने वाली तथा वर्षा आधारित भूमि में अधिक पैदावार की क्षमता वाले धान की किस्म को चयन करने के लिए प्रेरित किया। सस्य वैज्ञानिक डाॅ0 अमितेश कुमार सिंह ने धान की उन्नत प्रजाति बिरसा विकास सुगन्धा-1 एवं पी.वाई-84 की नर्सरी तैयार करने की विधि बताई तथा 18-21 दिन में तैयार बिचड़े की श्री विधि से रोपाई करें। उन्होंने कहा कि बिरसा विकास सुगन्धा-1धान वर्षा आधारित भूमि एवं मध्यम जमीन के लिए उपयुक्त किस्म है। बिरसा विकास सुगन्धा-1धान 120-125 दिन में तैयार हो जाता है। इसका पौधा बड़ा, दाना लम्बा एवं सुगंधित होता है। इसकी उपज 40 से 45 कुन्तल प्रति हेक्टेयर है। धान की पी.वाई.-84 किस्म वर्षा आधारित एवं ऊपरी(टांड़) जमीन के लिए उपयुक्त है। यह किस्म 90 से 95 दिन में तैयार हो जाती है। इसका पौधा बड़ा, दाना छोटा एवं मोटा होता है। इसकी उपज 20 से 25 कुन्तल प्रति हेक्टेयर है। बिरसा विकास सुगन्धा-1 तथा पी.वाई.-84 धान की किस्में भूरा धब्बा, ब्लास्ट, बैक्टीरियल ब्लाइट के प्रति प्रतिरोधी किस्में है। इसके साथ ही यह तना बेधक एवं गंधी बग के प्रति प्रतिरोधी किस्में है। धान के बिचड़े को श्री विधि से 2 बिचड़े कतार से कतार में 25 सेमी. की दूरी में लगाएं जिससे कि खर-पतवार निकालने में आसानी होगी तथा संतुलित मात्रा में रासायनिक खाद का छिड़काव आसानी से कर सकेंगे। किसानों को प्रत्यक्षण हेतु धान की उन्नत प्रजाति बिरसा विकास सुगन्धा-1 एवं पी.वाई.-84 के बीज उपलब्ध कराया गया। मौके पर डाॅ0सतीश कुमार, डाॅ0 सूर्यभूषण, डाॅ0प्रगतिका मिश्रा, डाॅ0 रितेश दुबे, रजनीश प्रसाद राजेश, राकेश रोशन कुमार सिंह, राजेश, वसीम अकरम, सुषमा मुर्मू, मीना सोरेन, होपनमय हेम्ब्रम, निशा हाँसदा, सावित्री हेम्ब्रम, सरिता मुर्मू, पकू मरांडी, शीला किस्कू समेत 53 आदिवासी किसान बीज प्रत्यक्षण प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए।

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Editor - भूपेन्द्र कुमार चौबे

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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