Godda News: कादो या आछार विधि के द्वारा अभी धान का बीज गिराए- डॉ रवि शंकर




ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:-  ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र, गोड्डा के वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रमुख डाॅ0 रविशंकर ने बताया कि गोड्डा जिला में अधिकांश किसान भाई धान का बिचड़ा मई माह (रोहिणी नक्षत्र) में सूखा में गिराते हैं। इस विधि के द्वारा बीज भी ज्यादा लगता है और बीज/बिचड़ा भी कम निकलता है। लगातार बारिश होने की वजह से बीज कम निकला है या गल गया है। अत: किसान भाई से अनुरोध है कि कादो या आछार विधि के द्वारा अभी धान का बीज गिराएं। खेत की तैयारी अच्छे से करें। 2-3 जुताई करके घास इत्यादि को निकाल दें। पाटा लगाकर ज्यादा पानी को निकाल दें। 30 किलोग्राम बीज के लिए 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की बीज क्यारी बनायें। जिसमें 4 किग्रा. डीएपी और 2.5 किग्रा. पोटाश का प्रयोग करें। इससे निम्नलिखित फायदे हैं-आछार विधि में बीज गिराने से 90 से 95 प्रतिशत बीज/बिचड़ा निकलता है। कार्बोफ्यूराॅन या रीजेन्ट का प्रयोग करें। धान के बीज को 6 से 7 घंटे पानी में फुलाने के बाद निकालकर क्यारी में गिरायें। बाविस्टीन दवा की 2 ग्राम मात्रा को प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीज को उपचारित करके क्यारी में गिराएं।

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Editor - भूपेन्द्र कुमार चौबे

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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