ग्राम समाचार,बौंसी,बांका।
कोरोना के दूसरी लहर के कारण इस बार फिर रथ यात्रा के इतिहास पर ग्रहण लगा हुआ है। अब जब रथ यात्रा में मात्र 11 दिन से भी कम समय शेष रह गए हैं। इसके बावजूद किसी भी तरह की कोई तैयारी आरंभ होती नहीं दिख रही है। जानकारी हो कि, प्रत्येक साल आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को भगवान मधुसूदन की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाती है। जिसमें काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इस एक दिवसीय आयोजन में विशाल मेला लगता है। भगवान का रथ मंदिर से निकलकर नगर भ्रमण पर निकलता है। लेकिन इस वर्ष ऐतिहासिक रथ
यात्रा पर संशय बरकरार है। सरकारी तौर पर रथयात्रा में सहभागिता को लेकर अब भी प्रश्नचिन्ह खड़ा है। इस भव्य आयोजन को लेकर किसी प्रकार की तैयारी प्रशासनिक स्तर पर अब तक नहीं की गई है। वहीं भगवान जिस रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं। उस रथ की रंगाई पुताई अब तक नहीं हो पाई है। प्रत्येक वर्ष रथयात्रा के पूर्व रथ का रंग रोगन कर उसकी साज-सज्जा की जाती थी। जो इस बार नहीं हो पाई है। वही मंदिर से जुड़े आस्थावान श्रद्धालुओं में इस बात को लेकर जिज्ञासा बनी हुई है कि, आखिर रथयात्रा का इस साल क्या होगा? स्थानीय प्रशासनिक स्तर पर भी यही कहा जा रहा है कि, अब तक सरकारी दिशा निर्देश इस आयोजन को लेकर नहीं आया है। इस वजह से कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। वहीं दूसरी ओर रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर लगा पोल रथ यात्रा के भ्रमण में रोड़ा बना हुआ है। मधुसूदन भगवान का
विराट रथ हर वर्ष की भांति इस वर्ष नगर के मुख्य चौक बाजार तक नहीं पहुंच पाएगा। इससे उत्पन्न बाधा को लेकर पंडा समाज के लोग कहते हैं कि या तो रेलवे क्रॉसिंग के पोल को खोलना होगा या फिर रथ की ऊंचाई बहुत कम करनी होगी। तभी नगर तक भगवान मधुसूदन का रथ भ्रमण को निकल पाएगा। इसे लेकर भी प्रशासनिक स्तर पर समस्या समाधान की मांग स्थानीय लोगों द्वारा जोर पकड़ने लगी है। ताकि भगवान मधुसूदन अपनी यात्रा पर निकल पाऐं। भगवान मधुसूदन की रथ यात्रा के तैयारियों के संबंध में पूछे जाने पर अंचलाधिकारी बौंसी ने कहा कि, रथयात्रा की तैयारी को लेकर सरकारी तौर पर उन्हें कोई भी निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। किसी भी तरह का निर्देश प्राप्त होते ही हम लोग तैयारी में जुट जाएंगे। हालांकि उनका कहना है कि, कोरोना काल में इस तरह की यात्रा और मेले पर सुरक्षा के बाबत पहले से ही सतर्कता बरती जा रही है।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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