रेवाडी। वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से जिले में कोविड संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन, सांसदों व विधायकों सहित की गई आवश्यक प्रबंधों की समीक्षा मीटिंग में रेवाडी विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि लोगों को वैक्सिनेशन में बहूत सी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। लोगों को दूसरी डोज समय पर नही मिल रही है। इसके अलावा रेजिस्टे्रशन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। रेजिस्टे्रशन में काफी सुधार करने की जरूरत है, क्योंकि स्लाट मात्र कुछ सैंकडों में ही फूल हो जाता है। विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि आज भी रेवाडी में वेंटिलेटर की भारी कमी है और जो थोडे बहुत हैं उनके लिए ऑपरेटर नही है। इसलिए रेवाडी में जल्द से वेंटिलेटर लाएं जाएं व उन पर ऑपरेटर भी हों। दूसरी तरफ जिले में ब्लैक फंगस ने भी प्रवेश कर लिया है और शुक्रवार को भी 4 केस ब्लैक फंगस के मिले हैं। इसके लिए भी स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट हो जाना चाहिए।
Rewari News : स्वास्थ्य सेवाओं में बहुत सुधार करने की है जरूरत : चिरंजीव राव
राव ने कहा कि इतना समय बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं में कोई भी सुधार नही हो पाया है। अस्थाई अस्पताल में किसी प्रकार की सुविधा नही है। दवाईयों की कालाबाजारी जोरों पर है। इस तरह के हालात रहे तो कोरोना को हराने में काफी समय लग जाएगा और तब तक न जाने कितने बेकसूरों की जान चली जाएगी।
चिरंजीव राव ने कहा कि ग्रामिण क्षेत्रों में कोरोना ने हाहाकार मचाया हुआ है। ग्रामिण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव चिंता का विषय है। इसलिए जल्द से जल्द स्वास्थ्य सेवाओं के खाली पडे पदों को भरा जाए व कोरोना काल के लिए तो आउटसोर्सिंग के माध्यम से भी भर्ती की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं काफी समय से मांग कर रहा हूं कि स्वास्थ्य सेवाओं के खाली पडे पदों को जल्द से जल्द भरा जाए लेकिन आज भी हालात जस के तस हैं।
विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि अभी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने की बहुत आवश्यकता है। इस बार की कोरोना लहर में तो रेवाडी में कहीं भी सेनेटाइजर तक नही किया गया। एक साल पहले जो हालात रेवाडी के थे वे ज्यों के त्यों है। मैं पूछना चाहता हूं कि पिछले एक साल में पीएम केयर फंड से कितना पैसा रेवाडी को मिला है और उस पैसे में से रेवाडी की स्वास्थ्य सेवाओं को क्या मिला है।
विधायक चिरंजीव राव ने समाजिक संस्थाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोरोना की पिछली लहर में और इस बार भी समाजिक संस्थाओं ने बडी मेहनत की है। चाहे मास्क व सेनेटाइजर वितरण हो या फिर भोजन की व्यवस्था हो।
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