रेवाडी, 29 मई। उपायुक्त यशेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए बखूबी कार्य कर रही है। जिला प्रशासन के प्रयासों को सफल बनाने में चिकित्सकों के साथ-साथ नर्सिंग स्टाफ भी अहम भूमिका निभा रहा है। कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई में स्वास्थ्य कर्मी कोरोना योद्धा बनकर नागरिकों को बेहतरीन इलाज देने में कामयाब रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुडियानी में तैनात स्टाफ नर्स कविता की टीम ने यहां आने वाले मरीजों के सैंपल लेने का कार्य किया, जिसके चलते आज गुडिय़ानी पीएचसी के अंतर्गत आने वाला कोई भी गांव अब हॉटस्पॉट में शामिल नहीं है।
पिछले 12 साल से पीएचसी गुडिय़ानी में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत कविता यादव ने बताया कि वो पिछले कई माह से स्वास्थ केंद्र में आने वाले मरीजों के सेंपल और कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण का कार्य देख रही हैं। अब तक वो करीब डेढ़ हजार लोगों के कोरोना सैंपल ले चुकी हैं और एक हजार वैक्सीन लगा चुकी है। कविता का कहना है कि मई के पहले सप्ताह में कोरोना चरम पर था, जिसके चलते उसे आखों में दर्द और हलके बुखार की शिकायत हुई। उन्होंने 8 मई को अपना सैंपल दिया तो वो कोरोना पॉजिटिव मिली। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आइसोलेट होकर उपचार लिया। जैसे ही वो स्वस्थ हुई तो वापिस अपनी ड्यूटी पर लौट आई। स्टाफ नर्स ने बताया कि कोरोना होने से एक बार तो वे घबरा गई थी लेकिन अपने पद की महता को समझते हुए ठीक होते ही उन्होंने दोबारा से दृढ़ निश्चय के साथ कोरोना संक्रमितों के सैंपल लिए तथा उन लोगों को प्रेरित भी किया कि मानसिक स्थिति को ठीक रखते हुए इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने के लिए दवा के साथ-साथ योग का भी सहारा लें। सीएमओ डा. कृष्ण कुमार ने बताया कि कोरोना की इस दूसरी लहर में नर्सिंग स्टाफ की कार्यशैली सराहनीय रही है। जितना नर्सिंग स्टाफ ने कोरोना संक्रमितों को प्रेरित किया उसका परिणाम ये रहा कि आज रेवाड़ी जिला में केवल नेहरूगढ़ गांव को छोडक़र कोई भी गांव हॉटस्पॉट की सूची में नहीं है। उन्होंने बताया कि नेहरूगढ़ में फिलहाल 12 कोरोना संक्रमित हैं जो एक से दो दिनों में ठीक हो जाएंगे।
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