Rewari News : होम आइसोलेट मरीजों को उनके घर द्वार पर मुहैया कराई जा रही आयुष किट : डा. अजीत

रेवाड़ी, 27 मई। कोरोना पोजिटिव होम आइसोलेट मरीजों की शारीरिक क्षमता और दक्षता बढाने के लिए जिला आयुष विभाग द्वारा मरीजों के घर द्वार पर आयुष किट पहुंचाने का सराहनीय कार्य किया जा रहा हैं जिसके लिए जिला प्रशासन व आयुष विभाग बधाई के पात्र हैं, यह कहना हमारा नहीं बल्कि कोरोना को मात दे चुकी माडल टाउन रेवाड़ी निवासी रजनी का हैं।



रजनी ने बताया कि बताया कि आयुष किट में काढा, धनधनवटी, आयुष गोलियाँ व अन्य आयुर्वेदिक दवाईयां प्रदान की जा रही है, जिनके नियमित सेवन से कोरोना को हराने में कामयाबी हासिल की है। डा. सरिता ने बताया की रजनी व उनके पति ने होम आइसोलेट रहकर कोरोना को हरा चुके है जबकि उनका पुत्र भी जल्दी ही इस जंग को जीतगा।
जिला आयुष अधिकारी डा. अजीत सिंह ने विभाग द्वारा चलाए जा रहे  अभियान कि जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में अब तक होम आइसोलेट मरीजों को लगभग 20 हजार डिब्बी आयुष काढा, 10 हजार आयुष-64 गोलियाँ व 80 हजार धनधनवटी सहित अन्य आयुर्वेदिक दवाईयां प्रदान की जा चुकी हैं। इस कार्य के लिए खंड वाईज आयुष अधिकारी व उनकी टीम लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी के प्रकोप से पूरे विश्व में मानव जाति पीडि़त है ऐसे में शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में प्राकृतिक आयुर्वेदिक दवाईयां बहुत ही कारगर रहती है।  इस बीमारी से बचने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना ही बेहतर उपाय है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के सरल उपायों से रोग प्रतिरोधक क्षमता को आसानी से बढ़ाया जा सकता है क्योंकि आयुर्वेद में दिनचर्या व रितु चर्या के आधार पर खान-पान बताया गया है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
जिला आयुर्वेद अधिकारी डा. अजीत सिंह के अनुसार निम्न उपाय को अपनाकर लोग आसानी से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते है। उन्होंने बताया कि पूरे दिन केवल गर्म पानी पिएं। आयुष मंत्रालय की सलाह के अनुसार प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम एवं ध्यान करें। हल्दी, जीरा, धनिया एवं लहसुन आदि मसालों का भोजन बनाने में प्रयोग करें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने केआयुर्वेदिक उपाय:-
  च्यवनप्राश 10 ग्राम (1 चम्मच) सुबह लें। मधुमेह के रोगी शुगर फ्री च्यवनप्राश लें। तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, शुण्ठी (सूखी अदरक) एवं मुनक्का से बनी हर्बल टी/काढ़ा दिन में एक से दो बार पिएं। स्वाद के अनुसार इसमें गुड़ या ताजा नींबू रस मिला सकते हैं। गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी चूर्ण दिन में एक से दो बार लें।
सामान्य आयुर्वेदिक उपाय:
  सुबह एवं शाम तिल/नारियल का तेल या घी नाक के दोनों छिद्रों में लगाएं। केवल - 1 चम्मच तिल/नारियल तेल को मुंह में लेकर दो से तीन मिनट कुल्ले की तरह मुंह में ही घुमाएं। उसके बाद उसे कुल्ले की तरह ही थूक दें। फिर गर्म पानी से कुल्ला कर लें। ऐसा दिन में एक से दो बार करें। खांसी/गले में खराश के लिए दिन में कम से कम एक बार पुदीना के पत्ते/अजवाइन डाल कर पानी की भाप लें। खांसी या गले में खराश होने पर लौंग के चूर्ण में गुड़ या शहद मिलाकर दिन में दो से तीन बार लें। ये उपाय सामान्य सूखी खांसी एवं गले के खराश के लिए लाभदायक हैं। फिर भी अगर लक्षण बने रहते हैं तो डॉक्टर से परामर्श लें।
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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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