पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं पर कथित हमले के विरोध में आज भारतीय जनता पार्टी जिला रेवाड़ी में सचिवालय के सामने धरना प्रदर्शन कर अपना रोष जताया। भाजपा जिला अध्यक्ष हुकम चद यादव की अध्यक्षता में कोसली से विधायक लक्ष्मण सिंह यादव रेवाड़ी विधानसभा प्रत्याशी सुनील मूसेपुर पूर्व मंत्री जसवंत सिंह, महामंत्री ईश्वर सिंह चनेजा, मीडिया प्रभारी विजेंद्र यादव ने आज आज सुबह 11:00 बजे से सचिवालय के सामने धरने पर बैठे। जिला अध्यक्ष हुक्म चंद यादव ने कहा कि धरने के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी कड़ाई से पालन किया गया है । उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज्य विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं एवं पार्टी से सहानुभूति रखने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने भाजपा जिला इकाई रेवाड़ी की तरफ से राष्ट्रपति से मांग की कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। उन्होंने कहा पश्चिमी बंगाल में लोकतंत्र की हत्या हो रही है बीजेपी की कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। दोषियों खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
Rewari News : भाजपा पदाधिकारियों ने धरना देकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की
वहीं कोसली से विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि मैंने विभाजन के दौरान हुए अत्याचारों के बारे में सुना था, लेकिन मैंने चुनाव के बाद ऐसी हिंसा नहीं देखी है, जो पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम (2 मई को) घोषित होने के बाद राज्य में हो रही है।उन्होंने कहा कि हम यह संदेश देना चाहते हैं कि देश भर के करोड़ों भाजपा कार्यकर्ता उनके साथ हैं।
पूर्व मंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान जहां मानव समाज एक दूसरे की जान बचाने के लिए प्रयासरत है, वहीं पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद ममता बनर्जी के संरक्षण में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं, उपद्रवियों व गुंडों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ लगातार हिंसा, मारपीट, तोड़फोड़, आगजनी और उनकी हत्या की जा रही है।’’
सुनील मूसेपुर ने कहा कि कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं, उनके घरों व प्रतिष्ठानों तथा पार्टी कार्यालयों को तृणमूल कांग्रेस के संरक्षण में चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया, ‘‘तृणमूल कांग्रेस की इस गुंडागर्दी में अब तक पार्टी के हजारों कार्यकर्ता घायल हुए हैं और कई की हत्या हुई है। तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की यह कार्रवाई लोकतंत्र के नाम पर कलंक है।
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