Rewari News : जीवन दूत बने एनएसएस स्वयं सेवक प्लाज़्मा डोनेशन मुहीम के जरिये बचाई 14 लोगो की जान

रेवाड़ीकोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान आम नागरिकों और करोना मरीज़ों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए इन्दिरा गांधी विश्विधालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की टीम आमजन की सहायता में लगीं हुई हैं चाहे लोगों तक अॉकसीजन पहुँचाना हो या किसी मरीज़ को बेड दिलाना हों या किसी कोरोना मरीज़ को प्लाज़्मा दिलाना हो एनएसएसस्वयंसेवक इसके लियें दिन रात लगे हुए हैं कार्यक्रम अधिकारी सहायक प्रो० सुशांत यादव ने बताया कीं रेवाड़ी जिले में इस टीम का गठन 3 मई को किया गया था और लोगों कीं सहायता के लिए उनकी टीम ने हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किए थे जिसमें अभी तक स्वयंसेवक अनेक  लोगों तक ऑक्सीजन, बेड, प्लाज्मा, मास्क, सेनेटाइजर, राशन व आवश्यक वस्तुओं आदि सुविधाएँ उपलब्ध कराने में लोगों कीं मदद कर चुके हैं

इसी कड़ी में स्वयंसेवकों द्वारा चलाई गयीं प्लाज़्माडोनेशन अभियान के तहत पीछे 6दिनो में कोरोना मरीज़ों तक प्लाज़्मा पहुँचा 14 लोगों का जीवन बचा चुके हैं और अभी यह प्रयास निरन्तर जारी हैं। विश्वविद्यालय के स्वयंसेवकों ने इसके लिए एक ऑनलाइन जागरूकता अभियान चलाया एवं ऑनलाइन फार्म के माध्यम से कोरोना से ठीक हो चुके लोगो की जानकारी जुटाई जो प्लाज्मा दान करने के योग्य होस्वंसेवक फोन के माध्यम से ऐसे लोगो को जागरूक करते है एवं फिर उनका एंटी-बॉडीटेस्ट करवाने के बाद उन्हें जरूरतमंद के पास भेजते है।  कार्यक्रम अधिकारी सुशांत यादव ने बताया आज हमारे पास बहुत से जरूरतमंदो के कॉल व मैसज़ आ रहे है जिनको विभिन्न ब्लड ग्रुप के प्लाज़्मा की आवश्यकता हैइसलिए इस समय अधिक से अधिक लोगो को सामने आकर इस मुहीम में स्वमसेवको का साथ देना चाहिए ताकि इस बीमारी को हराया जा सके। 

प्लाज़्मा अभियान कीं शुरुआत कैसी हुई : इस अभियान कीं शुरुआत पर स्वयंसेवक योगेश चौधरी ने बताया कीं पिछले दिनो उनका परिवार भी इस कोरोना कीं चपेट में आ गया था जिसमें उन्होंने अनुभव किया कीं इस महामारी से लड़ना कितना जटिल हैं और कैसे एक प्लाज़्मा से दो लोगों का जीवन बचाया जा सकता हैं तभी उन्होंने और उनके मित्र अंकित यादव ने यह निर्णय किया कीं व एक स्वयंसेवक के नाते अपनी एनएसएस टीम के साथ मिलकर इस अभियान को चलाएगे और जितना संभव होगा लोगों का जीवन बचाने का प्रयास करंगे,अभी तक व अपने शहर में 14 लोगों का जीवन बचा चुके हैं,इनकी टीम में विश्विधालय से छात्र सागर यादव,सौरभ सेनी,योगेश कुमार,ललित वर्मा,नितिन व छात्रा कोमल व सीमा यादव लगें हुएँ हैं इसके साथ एनएसएससमन्व्यक डॉ० दीपक गुप्ता ने लोगों से अपील भी कीं जो लोग अब करोना से ठीक हो चूके हैं व आगे आए और लोगों का जीवन बचाने में अपना योगदान दे और व समाज को मानवता का परिचय दे ,उन्होंने बताया कीं जो लोग इस मुहिम के साथ जड़के लोगों का जीवन बचाने के लियें जारी “हेल्पलाइन न० +917404403200, 8684042036 ” पर सम्पर्क कर सकते हैं

 

प्लाज़्माडोनेट कौन कौन कर सकता हैं: प्लाज्माडोनेशन के बारे में जानकारी में एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ० भारती ने बताया कि प्लाजमाडोनेट करने के लिए व्यक्ति की आयु 18 से 60 साल के बीच होनी अनिवार्य है । कोरोना संक्रमण से ठीक होने के उपरांत 14 दिन के बाद प्लाजमाडोनेट किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि महिलाओं में केवल वे महिलाएं प्लाज्माडोनेट कर सकती हैं जो कभी मां नही बनी या जिसका कभी गर्भपात नही हुआ हो। पुरूषों में कोई भी व्यक्ति प्लाज्माडोनेट कर सकता हैपरंतु यदि वह मधुमेह रोगी है तो उसका ब्लड शुगर नियंत्रित होना चाहिए और वह इंसुलिन पर निर्भर ना हो। प्लाज्माडोनेट करने से पहले व्यक्ति को अधिक से अधिक तरल पदार्थ पीना चाहिए और कम से कम घंटे पहले भोजन लेना चाहिए। प्लाज्माडोनेट करने के लिए व्यक्ति का वजन 55 किलोग्राम से अधिक होना चाहिए।

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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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