रेवाड़ी, 7 अप्रैल। डीसी यशेन्द्र सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि इस वर्ष पीसीपीएनडीटी की कोई रेड जिला में नहीं हुई है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अप्रैल माह में तीन रेड पीएनडीटी की अवश्य की जाएं।
डीसी यशेन्द्र सिंह आज जिला सचिवालय में पीसीपीएनडीटी, एमटीपी की बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस पीएचसी व सीएचसी के अधीन आने वाले गांवों का लिंगानुपात कम है उनको चिह्निïत कर उन पर फोकस किया जाएं। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर व आंगनवाड़ी वर्कर लिंगानुपात के बारे में सूचना व कार्य नहीं कर रही है, उन्हें हटाया जाएं। उपायुक्त ने बताया कि पीसीपीएनडीटी व एमटीपी अधिनियम ऐसा अधिनियम है, जो कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिये लागू किया गया है। जिसकी किसी भी रूप में उल्लंघना करने पर सम्बंधित कानून के अंतर्गत सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि अधिनियम को लागू करने का मुख्य उद्देश्य गर्भाधान के बाद भ्रूण के लिंग निर्धारण करने वाली तकनीकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना और लिंग आधारित गर्भपात के लिये प्रसव पूर्व निदान तकनीक के दुरुपयोग को रोकना है। डीसी ने जिले में अल्ट्रासाउंड सेंटरों की भी नियमित जाँच करने के सम्बंधित अधिकारियों को कडे निर्देश दिए। बैठक में एसडीएम रेवाडी रविन्द्र यादव, सीटीएम रोहित कुमार, सीएमओ डॉ सुशील माही, जिला न्यायवादी हरपाल, पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ सुरेन्द्र, ड्रग कन्ट्रोलर डॉ अमनदीप, डॉ दीपक, डॉ रजनीश, डॉ सर्वजीत थापर, डॉ दहिया, एसएमओ डॉ सरोज रंगा, डॉ वंदना, सीडीपीओ दीपिका, सुनीता, उपस्थित रहें।
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