कैलाश चंद्र एडवोकेट ने हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री निदेशक सैकंडरी एजुकेशन विभाग हरियाणा, निदेशक मौलिक शिक्षा विभाग हरियाणा को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रदेश के निजी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा आर. टी. ई. एक्ट 2009 व हरियाणा शिक्षा अधिनियम नियम 134 ए के आवेदन शुरू करवाने की मांग हेतु पत्र लिखा
कैलाश एडवोकेट ने बताया कि प्रदेश के गरीब परिवारों के बच्चो के लिये हरियाणा शिक्षा अधिनियम 134-ए के तहत कक्षा दूसरी से बारहवीं कक्षा तक व केंद्र सरकार के एक्ट RTE act 2009 के तहत 25 प्रतिशत बच्चे कक्षा नर्सरी से आठवीं तक प्रदेश के निजी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान है,!
प्रदेश के निजी स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चो की निःशुल्क शिक्षा उन परिवारों के बच्चो को मिल सकती है जिन परिवारों की वार्षिक आय 2 लाख या इससे कम है, जिसके लिये माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के उपरांत प्रत्येक वर्ष हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा मार्च माह में RTE act व 134ए के आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है,! ओर अप्रैल माह से ये बच्चे शिक्षा लेना आरंभ कर देते हैं, परन्तु वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के कारण हरियाणा सरकार द्वारा आवेदन प्रक्रिया पूरी नही की जा सकी, जिस कारण लाखों बच्चे निशुल्क शिक्षा लेने से वंचित रह गए थे, जिस बारे गत वर्ष भी पत्र लिखकर मांग की गई थी कि प्रक्रिया को पूरी की जाए और गरीब परिवार के बच्चो को शिक्षा दिलवाई जाए परन्तु हरियाणा सरकार ने अपने आंख ओर कान बन्द कर लिये थे और आवेदन प्रकिया पर गौर ही नही की, थी,
कैलाश चंद एड्वोकेट ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि इस वर्ष हरियाणा सरकार की नींद खुलवाएंगे ओर आवेदन सुरु करवाये जाएंगे, कहा कि जल्द से जल्द सरकार निजी स्कूलों से रिक्त सीटों का ब्यौरा मांगे, ओर नियम 134 ए के आवेदन शुरू करें क्योकि आवेदन प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है जिस कारण 134 ए के आवेदन करने वाले बच्चे शिक्षा से पिछड़ जाते हैं सामान्य बच्चो की शिक्षा का सलेब्स काफी आगे निकल जाता है, अगर सरकार समय पर आवेदन सुरु करे तो गरीब परिवार के बच्चे भी शिक्षा शिक्षा में पिछड़ने से बच सकते हैं इसलिय जल्द से जल्द आवेदन सुरु करवाने की मांग की है, अगर सरकार गौर नही करेगी तो प्रत्येक जिला स्तर पर आंदोलन की सुरुवात की जाएगी,
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