Rewari News : बिबिरानी में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया



ग्राम समाचार न्यूज : बिबिरानी जिला अलवर राजस्थान में कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया, कार्यक्रम का आयोजन *महाराजा दक्ष प्रजापति ट्रस्ट* की ओर से किया गया आयोजनकर्ता प्रवीन कुमार,  देवीलाल, भोलूराम, भूपेश, प्यारेलाल ने किया कार्यक्रम में जिला अलवर के भिन्न भिन्न गांवों के लोगो ने भाग, लिया जिसमें जिला रेवाड़ी हरियाणा से  कैलाश चंद एड्वोकेट मुख्यातिथि रहे कैलाश चंद एड्वोकेट ने सबसे पहले स्वयं रक्तदान रक्तदान किया, और कैलाश चंद एड्वोकेट ने मंच के माध्यम से आमजन को रक्तदान दिवस के बारे में विस्तार से अवगत करवाया की सबसे पहले रक्त ट्रांसफ्यूजन कब और कहा हुआ था और कहा हालांकि बहुत कम लोग इस रक्तदान दिवस के पीछे की कहानी से रूबरू होंगे आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ व्यक्ति के बारे में जिसने ब्लड ग्रुप का पता लगाया था उनका नाम है कार्ल लैंडस्टिन जिनके जन्मदिन के दिन हम विश्व रक्तदान दिवस मनाते हैं इससे पहले ब्लड ट्रांसफ्यूजन बिना ग्रुप के जांच जानकारी के होता था हालांकि दुनिया का पहला रक्त आधान 1665 में माना जाता है जिसे इंग्लैंड के फिजीशियन रिचर्ड लोवर लोगों ने किया था रिचर्ड लोवर  ने दूसरे कुत्तों के रक्त  को एक कुत्ते में ट्रांसफर करके उसकी जान बचाई थी कार्ल लैंडस्टेनर का जन्म 14 जून 1868 को ऑस्ट्रेलिया के शहर वियाना में हुआ था कार्ल लैंडस्टिनर ने पता लगाया कि एक व्यक्ति का खून बिना जांच के दूसरे को नहीं चढ़ाया जाता क्योंकि सभी मनुष्यो  का ब्लड ग्रुप अलग होता है का लैंडस्टीनर  का तर्क था कि दो व्यक्तियों के विभिन्न ब्लड ग्रुप संपर्क में आने के साथ रक्त कणों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है 



1900-1901 के दौरान का लैंडस्टिंनर ने इंसानी खून की ए एबी और रक्त समूह और रक्त में मिलने वाले एक अहम तत्व आरएच फैक्चर की खोज की उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था अपनी महान खोज के कारण उन्हें ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन का पिता में भी कहा जाता है उन्हीं के जन्म दिवस के दिन को हम रक्तदान दिवस के रूप में मनाते हैं जो 14 जून को है रक्तदान दिवस सबसे पहले वर्ष 2004 को  14 जून को मनाया गया था, कैलाश चंद एड्वोकेट ने बताया कि ज्यादातर सड़क हादसों में इंसानी मौत का कारण है समय पर रक्त न मिलना, हिंदुस्तान में संसार के कुल वाहनों में एक प्रतिशत हिंदुस्तान में वाहन ह, परन्तु दुर्घटना का प्रतिशत 11 प्रतिशत है, देश मे प्रत्येक घण्टे में 53 सड़क दुर्घटना होती है और प्रत्येक एक मिनट में एकं मौत होती है, पिछलें दशक में भारत मे 13 लाख लोगों की मौत सड़क दुर्घटना है, 



ओर उसमे मुख्य कारण रक्त का बह जाना, ओर रक्त की कमी के कारण मौत होना, कैलाश चंद एड्वोकेट ने आमजन को ये भी समझाया कि दुर्घटना किसी के साथ कभी भी हो सकती है रक्त की आवश्यक्ता किसी को कभी भी हो सकती है इसलिय हम सभी का कर्तव्य है कि हम सभी इस रक्तदान शिविर में भाग ले और पुण्य का भागी बने, हम जो रक्त दान करते हैं उसमें सभी का एक ही मकसद है मानव मात्र को बचाना, उसमे चाहे वो किसी भी धर्म जाती से सम्बंध क्यो न रखता हो सबसे पहले मानव मात्र की सेवा यही सबसे बड़ी सेवा है, आज के कार्यक्रम में भिन्न भिन्न गांवों से पधारे लोग, किशनलाल जी दिल्ली, रामकिशोर, पन्नीलाल, डॉ तुलशीराम, कालूराम व अन्य सामिल रहे आज के कार्यक्रम में 157 यूनिट रक्त दान हुआ जो इस छेत्र में अपने आप मे एक रिकॉर्ड है. 

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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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