ग्राम समाचार, धोरैया, बांका। होने वाले 16 फरवरी को बसंत पंचमी को लेकर कुम्हार जाति के लोग मां सरस्वती की प्रतिमा बनाने में जुट गए।प्रखंड अंतर्गत धोरैया मुख्य बाजार,कुर्मा,गचिया,पैर सहित क्षेत्रों में काफी जोरों शोरों से मां सरस्वती की मूर्ति बनाने का कार्य चल रहा है।
हर साल की भांति युवाओं में काफी उत्साह का माहौल देखा जा रहा है वहीं अच्छी मूर्ति बनवाने हेतु मूर्तिकारों के पास जाकर अग्रिम बुकिंग युवाओं द्वारा कर दिया गया है।वही मूर्ति बुकिंग टाइम ही मूर्तिकारों को अपने पसंद की मूर्ति बनाने के लिए कहा जाता है।युवाओं की माने तो मूर्ति की खरीददारी 1500-5000 तक की जाती है।युवाओं द्वारा सामाजिक चंदा एकत्रित कर एवं स्वयं सहयोग दे कर बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
पंडितों की मानें तो इस साल बसंत पंचमी 16 फरवरी,दिन मंगलवार को है। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी के नाम से भी उल्लेखित किया गया है।इस दिन को होली के शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है,जो कि इसके ठीक 40 दिन बाद आती है।वहीं इस दिन को विद्या की देवी माता सरस्वती के प्रकटोत्सव के रूप में भी मनाया जाता हैं।वही मूर्तिकार मां सरस्वती की प्रतिमा को आकार देने में बहुत मेहनत व लगन के साथ में इस कार्य को संपन्न करते है तथा मूर्ति को पोवॉल से आकार दे कर बाद मिट्टी का लेप लगाकर फिर रंग पेंट कर एक अच्छी प्रतिमा का रूप देते है।हालाकि मूर्तिकारो का कहना है कि इस बार ठंड व कोविड-19 को लेकर मूर्तियां हर साल की तुलना में कम बनाई गई है इस वजह से हर वर्ष की तुलना में इस वर्ष कम आमदनी की स्रोत है।
आशुतोष सिंह, ग्राम समाचार, धोरैया, बांका।
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