ग्राम समाचार,बौंसी,बांका।
एक प्रसिद्ध कहावत इस प्रकार है, "कल्पना कीजिए कि अगर पेड़ वाईफाई सिग्नल देते तो हम कितने सारे पेड़ लगाते, शायद हम ग्रह को बचाते। बहुत दुख की बात है कि वे केवल ऑक्सीजन का सृजन करते हैं"। कितना दुखद है कि हम प्रौद्योगिकी के इतने आदी हो गए हैं कि हम अपने पर्यावरण पर होने वाले हानिकारक प्रभावों की अनदेखी करते हैं। न केवल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल प्रकृति को नष्ट कर रहा है बल्कि यह हमें उससे अलग भी कर रहा है।अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते हैं और अच्छे जीवनयापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। ऑक्सीजन छोड़ने और कार्बन डाइऑक्साइड को लेने के अलावा पेड़ पर्यावरण से अन्य हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं जिससे वायु शुद्ध और ताज़ी बनती है। जितने हरे-भरे पेड़ होंगे उतना अधिक
ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और अधिक विषैली गैसों को यह अवशोषित करेंगे। इसी क्रम में बौसी थाना परिसर के पुलिस सप्ताह के दौरान शुक्रवार को वृक्षारोपण का कार्य किया गया। इस अवसर पर इंस्पेक्टर गोपाल कुमार सिंह ने कहा कि, एक वृक्ष 100 पुत्र के समान होते हैं। वृक्षों से मनुष्य का जीवन जुड़ा हुआ है। जितनी हरियाली धरती पर होगी, उतना ही मनुष्य का जीवन सुखमय होगा। वहीं थानाध्यक्ष राजकिशोर सिंह ने कहा कि, हर मनुष्य को कम से कम 5 वृक्ष लगाने के साथ-साथ उसकी देखभाल भी करनी चाहिए। इस मौके पर थाना परिसर में वृक्षारोपण के समय व्यवसाई संघ के अध्यक्ष राजू सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे। वृक्षारोपण का महत्व इतना स्पष्ट है। तब भी कुछ ही मुट्ठी भर लोग हैं जो वास्तव में इस गतिविधि में शामिल होने का प्रण लेते हैं। बाकी अपने जीवन में इतने तल्लीन हो चुके हैं कि वे यह नहीं समझते कि बिना पर्याप्त पेड़ों के हम लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे। यह सही समय है जब हमें वृक्षारोपण के महत्व को पहचानना चाहिए और उसकी ओर अपना योगदान देना चाहिए।
कुमार चंदन, ग्राम समाचार संवाददाता, बौंसी।
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