Bhagalpur News;प्रक्षेत्र दिवस-सह-किसान परिभ्रमण कार्यक्रम आयोजित
ग्राम समाचार, भागलपुर। मुख्यमंत्री की महात्वाकांक्षी योजना जल-जीवन-हरियाली को प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को जल-जीवन- हरियाली उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसी के दृष्टिगत आज कृषि विज्ञान केन्द्र, सबौर प्रक्षेत्र पर "जलवायु के अनुकूल कृषि" अन्तर्गत "प्रक्षेत्र दिवस-सह-किसान परिभ्रमण" कार्यक्रम आयोजित किया गया कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. आर.के. सोहाने कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कल-कमलों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. विनोद कुमार ने अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम की रूप- रेखा की जानकारी दी। इस अवसर पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय / महाविद्यालय के डॉ. पी.के. सिंह, निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र, डॉ. राजेश कुमार, निदेशक छात्र कल्याण. डॉ. अरूण कुमार, निदेशक योजना, डॉ. आर.एन. सिंह, सह निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एस. एन. सिंह, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर, मिजानुल हक, कुलसचिव, विभागाध्यक्ष डॉ. एम.के. बाधवानी डॉ. संजय कुमार, डॉ. वाई. के. सिंह, डॉ. राजकिशोर कुमार, डॉ. अरूण कुमार झा एवं केन्द्र के वैज्ञानिक व कर्मचारीगण अनिता कुमारी, डॉ. ममता कुमारी, कृष्ण कान्त दूबे, रावे छात्र छात्राओं सहित जिले के विभिन्न प्रखण्डों के 285 किसान एवं महिला किसानों उपस्थित थे। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने बताया कि आज इस कार्यक्रम की शुरूआत राज्य के सभी जिलों में किया गया है। जल-जीवन- हरियाली अन्तर्गत मौसम अनुकूल कृषि का उद्देश्य बदलते जलवायु के अनुकूल कैसे कृषि किया जाय, जिससे किसानों को अधिक लाभ के साथ ही किसानों की आय दुगनी हो सके। इसके लिए आवश्यक है कि नये तकनीक एवं नये प्रभेदों को अपनाते हुए वैज्ञानिक विधि से कृषि कार्य किया जाय। आमदनी बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि लागत में कमी एवं उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो इसका विकल्प है नये तकनीकों यथा हैपी सीडर, शून्य जुताई तकनीकी, रेज्डवेड तकनीक, मेढ़ पर खेती को अपनाना एवं कृषि के साथ कृषि से जुड़े अन्य कार्य यथा बकरी पालन, मुर्गी पालन, मछली पालन, गौ पालन, बटेर पालन, बत्तख पालन, मशरूम उत्पादन को अपनाना। कृषि में आमदनी बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि उचित प्रबंधन किया जाय। आज के परिवेश में जल संचय / प्रबंधन बहुत ही जरूरी है, क्योंकि जल के बिना न कृषि और न जीवन की कल्पना की जा सकती हैं। इस अवसर पर किसान भाईयों को माइक्रो एवं ड्रिप सिंचाई पद्धति को अपनाने एवं खेत पर लगाने का अनुरोध किया गया। इस अवसर पर किसानों को मौसम अनुकूल विभिन्न तकनीकों का कृषि विज्ञान केन्द् स्थित प्रदर्शन इकाई में जीवंत प्रत्यक्षण, परिभ्रमण डॉ. ए.के. मौर्य, ई. पंकज कुमार एवं डॉ. आशीष चौरसिया द्वारा कराया गया। इस अवसर पर मौसम अनुकूल कृषि अन्तर्गत केन्द्र प्रक्षेत्र पर लगे लम्बी अवधि की तकनीकी प्रदर्शन को किसानों ने देखा एवं किसानों को बताया गया कि कार्यक्रम की अगली कड़ी में अगले माह के प्रथम मंगलवार को कार्यक्रम का आयोजन मौसम अनुकूल कृषि योजना के चयनित गाँव में किया जाएगा। साथ ही 08 मार्च को "अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस" के अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, सबौर में चल रहे पाँच दिवसीय मशरूम उत्पादन विषयक प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों के बीच प्रमाण-पत्र वितरित किया गया एवं प्रशिक्षणार्थियों को इसे स्वरोजगार के रूप में अपनाने पर जोर दिया। मंच संचालन डॉ. मो. ज्याउल होदा एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आर.एन. सिंह द्वारा किया गया।
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