ग्राम समाचार, बोआरीजोर(गोड्डा)। ईसीएल जमीन अधिग्रहण को लेकर प्रबंधन व आदिवासी ग्रामीण आमने-सामने हो गए। बुधवार को अहले सुबह परियोजना के अधिकारी प्रशासन एवं अर्ध सैनिक बल को साथ लेकर तलझरी गांव के जमीन पर खनन कार्य को आगे बढ़ने के लिए पहुँचे थे। जहाँ ग्रामीणों को जानकारी होते ही सैकड़ो की संख्या में आदिवासी ग्रामीण परम्परागत हथियार के साथ खनन स्थल पर पहुँच कर खनन कार्य को रोक दिया।
आदिवासी ग्रामीणों में भारी आक्रोश है कि बैगर ग्रामीणों को सूचना दिए परियोजना प्रबंधन प्रतिवन्धित क्षेत्र में खनन का कार्य कैसे चालू किया। यह तो पांचवी अनुसूची व पेसा कानून का उलंघन है। बड़ी संख्या में मौके पर पुलिस बल की तैनाती हुई थी दूसरी ओर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जमकर कह रहे थे किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देंगे। आदिवासी ढोल नगाड़े तीर धनुष के साथ सैकड़ों की संख्या में पहुंचे हुए थे काफी देर तक तनाव की स्थिति बनी रहे।
मामला गोड्डा जिला में स्थित एशिया का सबसे बड़ा खुला कोयला खदान राजमहल परियोजना इन दिनों जमीन को लेकर संघर्षरत हैं। प्रशासन व परियोजना पदाधिकारी के लाख कोशिश के बाबजूद ग्रामीण परियोजना को जमीन देने के लिए तैयार नहीं है। जिससे परियोजना के समक्ष विकट समस्या उतपन्न हो गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि परियोजना प्रबंधन हमेशा से ग्रामीणों को छलने का काम किया है। जब भी भूमि अधिग्रहन की बात होती है तो ग्रामीणों को आपस में लड़वाकर फुट कराकर काम निकाल लेते है। लेकिन इसबार उनकी दाल नहीं गल रही है। ग्रामीणों का कहना है कि परियोजना प्रबधन हमेशा से कानून का उलंघन करते रहे है। जिसके कारण पूर्व में विस्थापित हुए कई गांव के ग्रामीण जमीन देने का दंश झेल रहे है। इन्हीं कारणों से राजमहल परियोजना में ग्रामीण जमीन देने से इंकार कर रहे हैं। दो माह पूर्व तीन गांव के ग्रामीणों ने लाल झंडा गाड़ कर अपने जमीन का सीमांकन किया था कि इससे आगे परियोजना का कार्य आगे नहीं बढ़ेगा। जिसके चलते परियोजना के समक्ष जमीन को लेकर विकट समस्या उत्पन्न हो गई। मौके पर महागामा से पहुँचे अनुमंडलाअधिकारी बिरेन्द्र कुमार देव,अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के के सिंह, बोआरीजोर प्रखंड विकास पदाधिकारी धीरज प्रकाश, अंचलाधिकारी ने ग्रामीणों को शांत कराया तथा उनके मांगों को सुनने के उपरांत रैयतों एवं परियोजना प्रवंधन के बीच कैसे सहमति बने इस पर चर्चा की। लेकिन ग्रामीण नहीं माने। प्रशासन और ग्रामीण के बीच लिखित वार्ता हुई वहीं पदाधिकारी ने अपनी सहमति से हस्ताक्षर की।
ग्रामीणों की मुख्य मागें
1- अंचल द्वारा निर्गत किए गए गलत वंशावली को रद्द किया जाए।
2- ग्राम प्रधान के बगैर इजाजत के पहाड़पुर स्कूल में भारी संख्या में रह रहे पुलिस बल को वापस भेजा जाए।
3- तालझारी मौजा में बगैर इजाजत के कांटे गये जमीन को समतलीकरण कर वापस कर दें।
4- तालझारी और भेरंडा गांव के निर्दोष ग्रामीणों पर किए गए मुकदमे वापस ले।
5- बहुफसली जमीन को तालझरी भेरंडा और पाहाड़पुर से ग्रामीणों ने खनन के लिए जमीन नहीं देने का निर्णय को उच्च अधिकारियों को सूचित करते हुए जमीन को सुरक्षा की मांग की।
-ग्राम समाचार, बोआरीजोर(गोड्डा)।
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