ग्राम समाचार गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट आज दिनांक 10 जनवरी, 2021 को अशोक स्तंभ, गोड्डा में इंकालबी नौजवान सभा द्वारा युवा-संवाद का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के शुरुआत में किसान आंदोलन के दौरान अबतक शहीद हुए सभी किसानों के लिए एक मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस संवाद के दौरान ◆सभी रिक्त पदों पर तत्काल बहाली करो! ◆सभी लम्बित नियुक्तियों का परिणाम जारी करो! ◆ पारा शिक्षकों समेत सभी अनुबन्ध कर्मियों को स्थाई करो! ◆किसान विरोधी तीनों काले कानून वापस लो! ◆सभी बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दो! जैसी माँगो को रखा गया और केंद्र और राज्य सरकार से वादा निभाने को कहा गया। साथ ही एक 10 सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया जिसमें संयोजक बिट्टू राय और सह संयोजक त्रिवेणी कुमार कुशवाहा को बनाया गया।
इस कार्यक्रम के दौरान इंकालबी नौजवान सभा के संथाल प्रभारी अखिलेश राज ने कहा कि हेमंत सरकार एक साल में 5 लाख नौकरियों का वादा करके आई थी और उनको मुख्यमंत्री बनाने में युवाओं का बड़ा हाथ रहा है। अब इनका एक साल बीत चुका है पर ऐसा लगता है मानो सत्ताशीन होने के बाद सरकार अपना वादा भुल चुकी है और मजबूरन झारखंड के युवा कोई अपने रोजगार बचाने का माँग लिए, तो कोई रोजगार की मांग करते हुए लगातार सड़कों पर संघर्षरत है। झारखंड के छात्र अपने रोजगार के अधिकार के लिए लगातार सड़कों पर दिख रहें हैं। हेमन्त सरकार सत्ता के नशे में चूर गहरी निंद में सोई हुई है। सरकार को नींद से जगाने का काम हम युवाओं को एक साथ मजबूती से खड़े होकर करना होगा और पूरे जोर शोर से ये पूछना होगा कि हेमंत सरकार वादा निभाओ रोजगार कहाँ है ये बतलाओ !! मौके पर ऐक्टू के राज्य कमिटी सदस्य मनोज कुशवाहा ने युवा-संवाद को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह कानून मंडियों को खत्म करने की साजिश है। यह केवल पंजाब और हरियाणा को ही नहीं प्रभावित करने वाला बल्कि पूरे भारत भर को यह कानून प्रभावित करेगा। जिन्हें लगता है कि केवल पंजाब और हरियाणा के किसान ही कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहें है वैसे लोग अपना भ्रम दूर कर ले। यह सर्वव्यापी कृषि संकट के खिलाफ सर्वांगीण कृषि-विकास के लिए किसानों का राष्ट्रीय संग्राम है। जिसे छात्र-नौजवान और मजदूरों का व्यापक समर्थन प्राप्त है। जबतक तीनों काले कृषि कानून सरकार द्वारा वापस नहीं ले लिए जाते, आंदोलन तब तक रुकने वाला नहीं है। कुंदन कुमार ने कहा कि सरकार युवाओं को लेकर उदासीन दिख रही है। वे न ही रोजगार देने के अपने वादे पर खरे उतर रहे हैं और ना ही बेरोजगारी भत्ते के वादे पर कुछ करते दिख रहे हैं। अभी इस कड़ाके की ठंढ में भी राँची के मोरबादी मैदान में कनीय अभियंता और लेखा लिपिक अपनी नौकरी बचाने के लिए आंदोलनरत हैं। लेकिन सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर रही हैं। इस युवा-संवाद कार्यक्रम में मुख्यरूप से अज़ीज़ अहमद, बब्लू कुमार मणिक, प्रद्युमन कुमार, चपुरी यादव, धीरज कुमार, राजकुमार, राम परवेस साह, मदन कुमार मौजूद थे।
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