ग्राम समाचार, बौंसी, बांका। मंदार पर्वत की तराई में अवस्थित पापहरणी सरोवर के किनारे शुक्रवार को भारी संख्या में सैलानी एवं श्रद्धालु मौजूद थे। पापहरणी मेला में दूरदराज से आए श्रद्धालु आनंद और मस्ती में सराबोर थे। खासकर सफा धर्मावलंबी की आस्था और आनंद देख सुखद आश्चर्य की अनुभूति हो रही थी। हालांकि मंदार की तलहटी में बनाई गई
दर्जनों अस्थाई तंबू अब उखड़ चुकी हैं। पिछले 5 दिनों में सपा धर्म के करीब दो लाख से अधिक अनुयाई पापहरणी का पवित्र स्नान कर अपने अपने घरों को निकल चुके हैं। मालूम हो कि, झारखंड, नेपाल, छत्तीसगढ़, बंगाल, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, आसाम सहित विभिन्न प्रांतों से आए वनवासियों का जत्था यहां कम से कम 1 दिन व्यतीत करता है। इस दौरान पापहरणी स्नान के बाद घंटों इसके तट पर पूजा आराधना करते हैं। गुरु माता रेखा हेंब्रम और सफा धर्म मंदिर में रह रहे चंद्र दास के शिष्य
दुखन पंडित की मानें तो 24 घंटे में बनवासी यहां से अपने घरों को लौटने लगते हैं और अपने साथ लाए बांस, पुआल आदि के सहारे प्लास्टिक की तंबू तैयार करते हैं और इसी के सहारे रहकर वापस लौटते हैं। पिछले 5 दिनों में मंदार और उसके आसपास का इलाका वनवासियों के मांदर, झांझ, ढोलक और बांसुरी के साथ उनके गीत नृत्य पर थिरक रहा। हालांकि प्रखंड क्षेत्र के साथ-साथ बिहार व झारखंड समीपवर्ती इलाके से भारी संख्या में सैलानियों ने सपरिवार मंदार का भ्रमण किया। जगह जगह पर बैठकर लोगों ने भोजन का आनंद भी लिया।
कुमार चंदन, ग्राम समाचार संवाददाता, बौंसी।
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