ग्राम समाचार, भागलपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र, सबौर के सभागार में आर्या परियोजना के तहत मुर्गी चूजा उपलब्धता -सह- तकनीकी प्रशिक्षण विषय पर युवाओं को प्रशिक्षित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. आर.एन. सिंह, सह निदेशक प्रसार शिक्षा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, डॉ. विनोद कुमार, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान द्वारा सहायता के तौर पर समूहों को 200 मुर्गी के चूजे, फीडर एवं अन्य सहायता प्रदान किया गया। इस अवसर पर निदेशक ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य युवाओं को कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र से जोड़ना है। आप युवा में नई ऊर्जा व जोश है। यदि उस ऊर्जा का उपयोग कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र की ओर हो जाय तो कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र में नई क्रांति आ जाएगी। आज आपको सहायता के तौर पर मूर्गी चूजा दिया गया है। साथ उससे जुड़ी तकनीकी जानकारी हेतु प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जब आप तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर इसका उपयोग व्यवसाय को बढ़ाने में करेंगे तो निश्चित रूप से आपकी आय में बढ़ोत्तरी होगी। इस अवसर पर वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान ने कहा कि मुर्गी पालन कृषि के द्वितीय क्षेत्र है। जिसका क्षेत्र व्यापक एवं संभावनाएँ आपार है। अब आप पर निर्भर करता है कि आप इन संभावानओं को कहाँ तक कैश करा पाते है। आपलोग पूरी ईमानदारी व मेहनत से काम शुरू कीजिए, सफलता जरूरी मिलेगी। इस अवसर पर डॉ. मो. जियाउल होदा, विषय वस्तु विशेषज्ञ (पशु विज्ञान), डॉ. अजय कुमार मौर्य, विषय वस्तु विशेषज्ञ (शस्य विज्ञान), शशि भूषण कुमार सहित विभिन्न प्रखण्डों के 35 युवा किसान उपस्थित थे।
Bhagalpur news:आर्या परियोजना के तहत मुर्गी चूजा उपलब्धता -सह- तकनीकी प्रशिक्षण विषय पर युवाओं को किया गया प्रशिक्षित
ग्राम समाचार, भागलपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र, सबौर के सभागार में आर्या परियोजना के तहत मुर्गी चूजा उपलब्धता -सह- तकनीकी प्रशिक्षण विषय पर युवाओं को प्रशिक्षित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. आर.एन. सिंह, सह निदेशक प्रसार शिक्षा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, डॉ. विनोद कुमार, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान द्वारा सहायता के तौर पर समूहों को 200 मुर्गी के चूजे, फीडर एवं अन्य सहायता प्रदान किया गया। इस अवसर पर निदेशक ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य युवाओं को कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र से जोड़ना है। आप युवा में नई ऊर्जा व जोश है। यदि उस ऊर्जा का उपयोग कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र की ओर हो जाय तो कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र में नई क्रांति आ जाएगी। आज आपको सहायता के तौर पर मूर्गी चूजा दिया गया है। साथ उससे जुड़ी तकनीकी जानकारी हेतु प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जब आप तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर इसका उपयोग व्यवसाय को बढ़ाने में करेंगे तो निश्चित रूप से आपकी आय में बढ़ोत्तरी होगी। इस अवसर पर वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान ने कहा कि मुर्गी पालन कृषि के द्वितीय क्षेत्र है। जिसका क्षेत्र व्यापक एवं संभावनाएँ आपार है। अब आप पर निर्भर करता है कि आप इन संभावानओं को कहाँ तक कैश करा पाते है। आपलोग पूरी ईमानदारी व मेहनत से काम शुरू कीजिए, सफलता जरूरी मिलेगी। इस अवसर पर डॉ. मो. जियाउल होदा, विषय वस्तु विशेषज्ञ (पशु विज्ञान), डॉ. अजय कुमार मौर्य, विषय वस्तु विशेषज्ञ (शस्य विज्ञान), शशि भूषण कुमार सहित विभिन्न प्रखण्डों के 35 युवा किसान उपस्थित थे।
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