ग्राम समाचार, भागलपुर। कोरोना काल में लगभग सभी ने बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता का महत्व समझ लिया है। ऐसे में योग इम्यूनिटी बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम बनकर लोगों को लुभा रहा है। बुजुर्ग तो पहले से ही योग के कायल थे, अब युवा और अधेड़ भी इसे अपना रहे हैं, उक्त बातें योग प्रशिक्षिका रितिका ने बुधवार को एक संक्षिप्त साक्षात्कार के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भागलपुर में लॉकडाउन और इसके बाद योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। लॉकडाउन हटने के बाद योग सीखने के लिए बड़ी संख्या में युवतियां और महिलाएं पहुंच रही हैं। चूंकि महिलाओं से प्रशिक्षण लेना महिलाओं के लिए सुविधाजनक होता है इसलिए भी इस आंकड़े में आश्चर्यजनक रूप से बढ़ोतरी हुई है। कोरोना महामारी से पहले तक जहां एक योग प्रशिक्षिका के पास 20 से 30 लोग प्रशिक्षण लेने आते थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। इनमें भी खास बात यह कि महिलाओं या युवतियों की संख्या पुरुषों के मुकाबल ज्यादा है। ऑनलाइन प्रशिक्षण होने के कारण भी योग सीखने वालों में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि योग को लेकर बच्चों में भी काफी उत्साह दिखाई दे रहा है। स्कूल के बच्चे भी योग को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं। कोरोना काल में योगा के प्रति और ज्यादा रुझान बढ़ रहा है अब हर वर्ग के लोग योग कर रहे है क्योंकि कहा भी गया है कि करो योग रहो निरोग। उन्होंने कहा कि छात्रों को योग के लाभ बताकर उन्हें योग के लिए प्रोत्साहित कर रही हूं। नियमित रूप से योगाभ्यास हमारे समाज के लिए बहुत आवश्यक है। क्योंकि स्वस्थ नागरिकों से ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है।
Bhagalpur News:करो योग रहो निरोग – रितिका
ग्राम समाचार, भागलपुर। कोरोना काल में लगभग सभी ने बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता का महत्व समझ लिया है। ऐसे में योग इम्यूनिटी बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम बनकर लोगों को लुभा रहा है। बुजुर्ग तो पहले से ही योग के कायल थे, अब युवा और अधेड़ भी इसे अपना रहे हैं, उक्त बातें योग प्रशिक्षिका रितिका ने बुधवार को एक संक्षिप्त साक्षात्कार के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भागलपुर में लॉकडाउन और इसके बाद योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। लॉकडाउन हटने के बाद योग सीखने के लिए बड़ी संख्या में युवतियां और महिलाएं पहुंच रही हैं। चूंकि महिलाओं से प्रशिक्षण लेना महिलाओं के लिए सुविधाजनक होता है इसलिए भी इस आंकड़े में आश्चर्यजनक रूप से बढ़ोतरी हुई है। कोरोना महामारी से पहले तक जहां एक योग प्रशिक्षिका के पास 20 से 30 लोग प्रशिक्षण लेने आते थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। इनमें भी खास बात यह कि महिलाओं या युवतियों की संख्या पुरुषों के मुकाबल ज्यादा है। ऑनलाइन प्रशिक्षण होने के कारण भी योग सीखने वालों में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि योग को लेकर बच्चों में भी काफी उत्साह दिखाई दे रहा है। स्कूल के बच्चे भी योग को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं। कोरोना काल में योगा के प्रति और ज्यादा रुझान बढ़ रहा है अब हर वर्ग के लोग योग कर रहे है क्योंकि कहा भी गया है कि करो योग रहो निरोग। उन्होंने कहा कि छात्रों को योग के लाभ बताकर उन्हें योग के लिए प्रोत्साहित कर रही हूं। नियमित रूप से योगाभ्यास हमारे समाज के लिए बहुत आवश्यक है। क्योंकि स्वस्थ नागरिकों से ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है।
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