भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश मीडिया पैनलिस्ट वंदना पोपली ने कांग्रेस के मेडिकल फीस बढ़ाने के आरोपों को झूठा बताते हुए सिरे से नकार दिया है तथा कहा कि खट्टर सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को जन जन तक पहुंचाने तथा स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है विपक्ष का यह आरोप पूरी तरह से निराधार है कि एमबीबीएस की फीस बढ़ाई गई है स्वंय मुख्यमंत्री ने कहा है कि फीस नहीं बढ़ाई बल्कि हमने ₹10 लाख का बांड भरने की शर्त रखी है। जो एमबीबीएस करने के बाद सरकारी नौकरी में नहीं रहेगा, उसे ही ₹10 लाख भरने पड़ेंगे। जो सरकारी नौकरी में रहेगा, उसकी जिम्मेदारी सरकार की है तथा उसे 10 लाख नही भरने होंगे। एक डॉक्टर बनाने पर सरकार का डेढ़ करोड़ रुपये तक का खर्च होता है लेकिन डॉक्टर बनने के कुछ समय बाद ही वो प्राइवेट नौकरी करने लगते हैं। एमबीबीएस करने वालों को बंधन में रखने के लिए यह किया है।
Rewari News : झूठ की राजनीति से बाज़ आये कांग्रेस : वंदना पोपली
हरियाणा की भाजपा सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है ताकि डॉक्टरी पढ़ने के बाद बच्चे सरकारी नौकरी करें तथा प्रदेश की जनता को सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा निर्बाध रूप से मिल सके पिछले अनेक वर्षों से सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी एक बहुत बड़ा मुद्दा रहा है जिस पर 10 साल तक सरकार में रही कांग्रेस ने कभी कोई कदम नही उठाया। भाजपा सरकार ने आते ही इस पर काम शुरू किया। डॉक्टर्स कमी को पूरा करने के लिए तथा प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए यह अत्यंत दूरदर्शी निर्णय है प्रदेश का युवा सरकारी कॉलेज से डिग्री लेने के बाद प्रदेश के सरकारी अस्पताल में काम करें लेकिन हमेशा की तरह विपक्ष को इसमें भी कमी नजर आई और झूठ का प्रचार प्रसार जोर शोर से किया गया। प्रदेश के युवाओं में लगातार झूठ के प्रचार की कोशिश की जा रही है सोशल मीडिया और मीडिया मैं कांग्रेस नेता लगातार यह बयान दे रहे हैं कि मेडिकल कॉलेज की फीस बढ़ाई गई है जबकि तथ्य सामने है फीस में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गई है।
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