रेवाड़ी अनाज मंडी में बाजरा उठान नहीं होने के कारण किसानों और आढ़तीयों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा. लिफ्टिंग नहीं होने के कारण अनाज मंडी के फ़ड़ बाजरों के कटटों से भरे हुए हैं करीब दो से ढाई लाख कट्टे मंडी में उठान के इंतजार में है. सड़क पर भी कट्टे रखे हुए हैं जिस वज़ह से मंडी में पूरा दिन जाम लगा रहता है. खरीद की अंतिम तिथि 15 नवंबर नजदीक होने के कारण बड़ी संख्या में किसान भी अपनी फसल बेचने के लिए मंडी में आ रहे हैं. ऐसे में सड़कों पर निकलने का रास्ता भी नहीं बचा है. आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान राधेश्याम मित्तल का कहना है कि एक सप्ताह से यह समस्या बनी हुई है ठेकेदारों की लापरवाही के कारण कटों के उठान में देरी के चलते यह समस्या बनी हुई है इससे आढ़तीयों और किसानो को जगह नहीं मिल पा रही है. वहीं इस बारे में जब हमने मार्किट कमेटी के सचिव सत्यप्रकाश यादव से बात करनी चाही तो वे अपने कार्यालय में उपलब्ध नहीं थे और फोन पर सचिव ने बताया कि किसानो की रोस्टर संख्या बढ़ाई गई है पहले 500 किसान हर रोज आ रहे थे अब 750 किसान प्रतिदिन बुलाए जा रहे है रही बात कटटों के उठान की समस्या इसलिए आ रही है कि आगे हैफेड गोदामों में कट्टे रखने की जगह नहीं है ट्रकों में भरकर बाजरे के कट्टे भेजे जा रहे हैं बाजरा गननौर और सफ़ीदो के गोदाम में भेजा जा रहा है. लेकिन खाली होने में देरी हो रही है इसके लिए उन्होंने हैफेड के डीएम और उच्च अधिकारियों को लिखा हुआ है उम्मीद की जा रही है कि सोमवार से सिस्टम सुचारू हो जाएगा.
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