ग्राम समाचार, बोआरीजोर(गोड्डा)। ईसीएल से प्रभावित भेरंडा गांव के खदान साइड में गुरुवार को तालझारी,पहाड़पुर,बाबूपुर,हरर्खा गांव के हाजारोंं की संख्या में आदिवासी रैयतों ने अपनी जमीन की सुरक्षा को लेकर ग्राम प्रधान तालामय हेम्ब्रम की अध्यक्षता में बैठक की।
बैठक में आदिवासी रैयतों ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सरकार से विभिन्न मांगे पूरा करने की अपील की। बैठक में ग्राम प्रधान और जमीन नहीं देने वाले आदिवासी रैयतों ने बताया कि ईसीएल को जमीन नहीं देने के लिए 2018 में सोलह आना रैयतों द्वारा ग्रामसभा हो चुकी है। जमीन नहीं मिलने पर कोयला खदान आगे बढ़ने की मुश्किल पड़ती नजर आ रही है। क्षेत्रों में पेसा कानून लागू है और पेसा कानून का घोर उल्लंघन किया जा रहा है। इस मामले को लेकर 16आना रैयतों ने पुर्व में ग्राम सभा कर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुके है जो विचाराधीन है। गांव के ग्रामीणों ने विशाल बैठक आयोजित कर ईसीएल मैनेजमेंट व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
वहीं पुर्व में 8 अक्टूबर को ईसीएल से प्रभावित गांव के आदिवासीयों ने अपनी सीमा में लाल झंडी गाढ कर चुडका लगा दिया गया है। मामला झारखंड प्रदेश के गोड्डा जिला में स्थित राजमहल परियोजना लालमटिया कोयला खदान से है।तालझारी,भेरेंडा,बाबूपुर,पाहाड़पुर,हर्रखा मौजा के आदिवासीय रैयतों ने कोयला खदान विस्तार के लिए राजमहल परियोजना प्रबंधक व प्रशासन पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए हजारों आदिवासियों ने मोर्चा खोल दिया। तालझारी मौजा के ग्राम प्रधान को उपायुक्त ने बर्खास्त कर दिया है और वंशावली सत्यापन के लिए कमेटी का गठन किया गया है तालझारी भेरेंडा,बाबुपुर और पहाड़पुर मौजा के सभी ग्रामीणों ने इसे गलत करार देते हुए उक्त कमेटी को रद्द करने की मांग की है। साथ ही पूर्व में बने उस वंशावली को निरस्त करने की मांग की। संविधान की 5वीं अनुसूची क्षेत्र में रहने वाले आदिवासीयों की जमीन छीनने के लिए उनकी जमीन से आदिवासी को जबरन खदेड़ने का प्रयास किया जा रहा है। आदिवासी के विरोध फर्जी और झूठे मुकदमा दायर किए जा रहे हैं। तालझारी मौजा के ग्राम प्रधान को बर्खास्त किए जाने पर तालझारी के पूर्व ग्राम प्रधान पुलिस हाँसदा ने बताया सीईओ एसडीओ और प्रबंधन के इशारे पर वंशावली बनाने में हस्ताक्षर में सहमति नहीं होने पर मुझे बर्खास्त किया गया।
बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित साहिबगंज जिले के दिशोम मांझी परगना वैसी अध्यक्ष लच्छु मुर्मू, गोड्डा जिला के राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के संयोजक संतलाल मुर्मू,जिला परिषद सदस्य बाबूलाल मरांडी आदि ने बारी बारी से तमाम आदिवासियों को संबोधित करते हुए अपनी जमीन और हक अधिकार बचाने के लिए नियम संगत जानकारी दी। वही बैठक में हजारों के संख्या में प्रभावित गांवों के ग्रामीण मौजूद रहे।
-ग्राम समचार, बोआरीजोर(गोड्डा)।
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