Bhagalpur News:आजादी आंदोलन से उपजे मूल्य को बचाना सभी गांधीवादी, समाजवादी, सर्वोदयी और अम्बेडकरवादी संगठनों का है कर्तव्य - उदय
ग्राम समाचार, भागलपुर। बिहार के विभिन्न सामाजिक संगठनों बिहार नव निर्माण युवा अभियान, बिहार विमर्श, राष्ट्र सेवा दल, गंगा मुक्ति आंदोलन, एन ए पी एम, युवा संवाद, बिहार स्टेट गांधी स्मारक निधि, कोशी नव निर्माण मंच, हिन्द खेत मजदूर पंचायत, बिहार शिक्षा आंदोलन संयोजन समिति बिहार, सर्वोदय मंडल आदि की ओर से आयोजित संपर्क सम्वाद यात्रा के भागलपुर पहुंचने पर रविवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन एक होटल परिसर में हुआ। प्रेस वार्ता में लोगों का स्वागत करते हुए राष्ट्र सेवा दल बिहार के कार्याध्यक्ष उदय ने कहा कि यह यात्रा 26 अक्टूबर को निकली है जिसका समापन 5 नवंबर को होगा। इस यात्रा का उद्देश्य लोकतंत्र को मजबूत करने हेतु चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना है। हम निर्दलीय अवश्य हैं पर गैर राजनीतिक नहीं। वर्तमान सरकार में परिवर्तनवादी जमात और सामाजिक आंदोलनों के लिए स्पेस घटा है। आजादी आंदोलन से उपजे मूल्य को नष्ट किया जा रहा जिसे बचाना सभी गांधीवादी, समाजवादी, सर्वोदयी और अम्बेडकरवादी संगठनों का कर्तव्य है। गांधी विकास का पैमाना अंतिम व्यक्ति को मानते थे। जबकि वर्तमान सरकार कॉरपोरेट वादी विकास है जो छड़, सीमेंट और गिट्टी से बना है यह सरकार इसी विकास की वकालत करती है। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए एन ए पी एम बिहार के संयोजक मंडल सदस्य सह राष्ट्र सेवा दल के राष्ट्रीय संगठक शाहिद कमाल ने कहा कि पहली बार जाति सम्प्रदाय इतर मुद्दों पर चुनाव हो रहा है जो लोकतंत्र के लिये अच्छी बात है। हम लोग जहां भी जा रहे हैं वहां लोगों में सत्ता परिवर्तन की ललक है। डॉ लोहिया भी कहा करते थे जैसे रोटी को बार बार नहीं पलटने से रोटी जल जाती है, वैसे ही सरकार को बार बार नही बदलने से सत्ता निरंकुश और अकर्मण्य हो जाती है। बिहार का विकास और अपराध का खत्म होना सच्चाई नहीं है यह एक अवधारणा का प्रचार मात्र है। लॉकडाउन और कोरोना मैनेजमेंट को लेकर लोगों जबरदस्त गुस्सा है। कहा गया था कि बाहर से आये लोगों बिहार में ही रोजगार मिलेगा लेकिन सरकार ने हाथ खड़े कर लिए। सबसे ज्यादा गुस्सा इस बात से है कि कोरोना में लोग अपने बच्चों और रिश्तेदारों को घर लाना चाहते थे। लेकिन नीतीश कुमार में मना कर दिया। प्रेस वार्ता में एक प्रश्न के जबाब में गंगा मुक्ति आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वयक रामशरण ने कहा कि शराबबंदी नीतीश जी का एक अच्छा कदम था। लेकिन शराबबंदी पूरी तरह फेल हो गया। फलतः 10 हजार करोड़ से भी ज्यादा शराब की तस्करी का कारोबार फलफूल रहा है। शराब की तस्करी में पुलिस का शामिल होना शासन प्रशासन के अकर्मण्यता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि सम्प्रदायवाद और जातिवाद एक दूसरे के पूरक हैं। जाति पोषक हुए बिना कोई सम्प्रदायिक नहीं हो सकता। मंच पर श्री उदय, रामशरण, शाहिद कमाल के अतिरिक्त यात्रा में शामिल अंकित आनन्द एवं मंसूर अहमद भी थे। सभी ने प्रेस वार्ता के माध्यम से अपील किया कि लोकतंत्र को बचाने हेतु वोट करने जरूर जायें। किसी भी कीमत पर सम्प्रदायिक, जातिवादी और आपराधिक छवि के व्यक्ति को वोट न करें। इस मौके पर मौके पर डॉ रामनारायण भास्कर, रामपूजन, सार्थक भरत, संजय कुमार, रिज़वान, दीप प्रिया, ललन, रविन्द्र कुमार सिंह, शांति रमन, नरेश महलदार, आदि मौजूद थे।
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