ग्राम समाचार, पथरगामा:- हिंदुओं का महापर्व शारदीय नवरात्रा अर्थात दुर्गा पूजा शुरू हो कर होकर लोगों के दिल में भक्ति भाव का संचार करने लगा है।दुर्गा पूजा को लेक लोग घरों की साफ-सफाई में जुट गए हैं।खुद को पवित्र करने के लिए गंगा स्नान कर लौटे हैं।परंतु सबसे बड़ी हैरत की बात तो यह है कि पथरगामा के बड़ी दुर्गा मंदिर परिसर कूड़ा दान बनकर रह गया है।दुर्गा पूजा को लेकर लोग घर को रोजाना साफ कर रहे है परंतु घर का कचरा दुर्गा मंदिर परिसर में फेंकने से बाज नही आ रहे हैं।कूड़ा कचरा फेंके जाने के चलते मंदिर परिसर का आधा भाग कचरे के भंडार के रूप में तब्दील हो गया है।यहां यह कहने में अतिशयोक्ति नहीं होगी कि लोग उसी के घर को गंदा कर रहे हैं जिसके पूजा आराधना के लिए लोग अपने घरों को साफ कर रहे हैं।दुर्गा पूजा मंदिर कमेटी वालों के द्वारा प्रत्येक वर्ष यहां फेंके गए कूड़ा कचरा की सफाई की जाती है।मेले का आयोजन होता है।परंतु इस बार कोविड-19 संकट को लेकर मां दुर्गे की पूजा करना, प्रसाद वितरण करना अथवा मेला लगाने पर ग्रहण के बादल मंडरा गए हैं।इस बार मंदिर परिसर की साफ सफाई करवाई जाएगी या नहीं अभी अनिर्णय के दौर में है| अभी भी कचरे की सफाई नही हो पाया है| कचरा फेंके जाने के चलते अगल बगल का वातावरण काफी रोगाणु युक्त और अस्वक्ष हो गया है। वातावरण में दुर्गंध पसरा रहता है।उसी मंदिर परिसर में अब रोजाना सब्जी की मंडी लगती है।सब्जी लेने आने वाले लोग नाक पर रुमाल डालकर इस होकर गुजरते हैं। सुबह- शाम यहाँ पूजा करने आने वाले लोग नाक बंद कर कचरा होकर ही आने को मजबूर है|सबसे अशोभनीय बात तो यह है कि जिस जगह कूड़ा फेंका जाता है, उसी जगह पर लोग अपना मल मूत्र भी त्याग करते हैं।
-:अमन राज,पथरगामा:-
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