ग्राम समाचार,रायपुर(छत्तीसगढ़)। कुछ दिन पूर्व कांकेर में हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए समूचे प्रदेश के पत्रकारों के द्वारा एक जुट हो कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास घेरने हवी का फैसला लिया गया, करीब डेढ़ सौ पुलिसकर्मियों के द्वारा निवास से ठीक दो सौ मीटर पहले बैरिकेड लगाकर क्रांतिकारी पत्रकारों को रोक दिया गया।
हालांकि हिंसक प्रदर्शन का रूप नहीं दिया गया पत्रकारों के द्वारा पर बैरिकेड लगे हुए स्थान पर बैठकर मुख्यमंत्री के जवाब का करीब 4 घंटे इंतजार किया पर गूंगी-बहरी सरकार के मुखिया द्वारा उत्तर नहीं देने पर अंत में ज्ञापन को जलाकर पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन कर महारैली का समापन किया। इस महारैली में समूचे प्रदेश से करीब 500 क्रांतिकारी पत्रकारों ने भाग लिया।
वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला बताते हैं हमारे साथियों पर अत्याचार सहने योग्य नहीं, और ना ही किसी भी सूरत में समझौता करने योग्य है, सरकार को पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कर कांकेर में हुए हमले के दोषियों को जेल के सलाखों में कैद किया जाए। हम दिनांक 03/10/2020 से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बूढ़ा तालाब रायपुर में बैठेंगे। बरहाल देखना यह बड़ा दिलचस्प होगा कि कहीं पिछली सरकार की तरह भूपेश सरकार भी पत्रकारों के साथ छल तो नहीं करना चाहती। और अंत में पत्रकार एकता जिंदाबाद। की नारे लगाते हुए रैली का समापन किया गया।
-विनोद कुमार मीज,ग्राम समाचार रायपुर(छत्तीसगढ़)।
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