इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर में ऑनलाइन माध्यम से शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया जिसमे में शिक्षण जगत की अनेक नामचीन हस्तियां ऑनलाइन माध्यम से जुड़ीI कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर राजेंद्र प्रकाश माल्यवर जो आइजीयू मीरपुर के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र गक्खड़ के शिक्षक रह चुके हैं, ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कीI हरियाणा स्टेट एजुकेशन काउंसिल के अध्यक्ष प्रोफेसर बृज किशोर कुठियाला इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता रहेI कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अविनाश कुमार चावला और विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी जो भारत का पहला कौशल विश्वविद्यालय है, के कुलपति प्रोफेसर राज नेहरू कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहेI एक अन्य विशिष्ट अतिथि के रूप में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में प्रोफेसर सुरेन्द्र गक्खड़ की शिष्या रही एवं वर्तमान में अमेरिका में होवार्ड मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी नेवाडा में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत डॉ मोनिका गुलिया नस सीधे अमेरिका से ऑनलाइन माध्यम द्वारा कार्यक्रम में जुड़ीI
सर्वप्रथम कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र गक्खड़ ने सभी मेहमानों का स्वागत किया और कहा कि यह अपने आप में एक अनूठा मंच है जिसमें एक साथ शिक्षण जगत से जुड़ी इतनी सारी हस्तियां मौजूद हैं और साथ ही गुरु शिष्य परंपरा की तीन पीढ़ियां एक साथ मौजूद हैंI जहां एक तरफ मेरे गुरु वहीं दूसरी तरफ मेरी शिष्या मेरे साथ जुड़े हुए हैंI उन्होंने शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षकों को बधाई भी दी और कहा कि शिक्षक वास्तव में राष्ट्र का निर्माता होता हैI डॉ मोनिका गुलिया ने कहा कि मैंने अपना कैरियर गांव से शुरू किया था और आज मै अमेरिका में कार्यरत हूं जिसमें मेरे गुरु जनों का आशीर्वाद हैI अगर आपने अच्छा शक्ति है तो आप जो चाहे वह पा सकते हैंI प्रोफेसर राज नेहरू ने कहा कि गुरु समाज में ज्ञान का सृजन करता है, उस ज्ञान के द्वारा निर्माण का कार्य करता है और साथ ही साथ समाज में परिवर्तन का कार्य भी करता है इसी कारण उसे ब्रह्मा विष्णु और महेश की उपाधि दी गई हैI प्रोफेसर अविनाश कुमार चावला ने कहा कि शिक्षक को अपने विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल बनना चाहिए क्योंकि वह समाज का सच्चा शिल्पकार होता है और देश का महत्वपूर्ण स्तंभ होता हैI वह केवल वेतन पाने वाला एक कर्मचारी मात्र नहीं हो सकताI मुख्य अतिथि एवं वक्ता प्रोफेसर बृजकिशोर कुठियाला ने कहा की सफल शिक्षक वही है जो जीवन भर जिज्ञासु बना रहता है और उसकी सीखने की इच्छा शक्ति कभी समाप्त नहीं होतीI क्योंकि हम जितना सीखते हैं उतना ही और सीखने की इच्छा बढ़ जाती हैI एक सच्चा गुरु यही प्रेरणा अपने विद्यार्थियों को भी देता है Iसच्चा शिक्षक यह नहीं सिखाता कि विद्यार्थी को क्या सोचना चाहिए बल्कि वह यह सिखाता है कि विद्यार्थी को कैसे सोचना चाहिएI कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर राजेंद्र प्रकाश माल्यवर ने सभी को अपना आशीर्वाद देते हुए कहा की हम भारतीय केवल अपना ही नहीं बल्कि संपूर्ण जगत का भला सोच कर चलते हैंI हमारा दर्शन ही वसुधैव कुटुंबकम का रहा हैI इसलिए अच्छा सोचिए और सब के लिए सोचिए, अपने में विश्वास रखिए और अपनों में विश्वास रखिए ताकि गुरु शिष्य परंपरा में विश्वास की डोर हमेशा मजबूत बनी रहेI कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय की कुलसचिव एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण विभाग प्रोफ़ेसर ममता कामरा ने सभी मेहमानों को धन्यवाद दिया एवं सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं दीI इस कार्यक्रम का आयोजन निदेशक छात्र कल्याण विभाग डॉ अदिति शर्मा की अध्यक्षता में किया गया थाI सफल आयोजन के लिए कुलपति ने आयोजन टीम के सभी सदस्यों डॉ अदिति शर्मा, डॉ राजेंद्र, डॉ पूजा व्यास एवं सुशांत यादव को बधाई दी I
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