ग्राम समाचार गोड्डा, ब्यूरो रिपोर्ट:- ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में "गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अन्तर्गत प्रवासी श्रमिकों के जीविकोपार्जन हेतु दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम" के तहत "मुर्गीपालन" विषय पर प्रशिक्षण आज सफलतापूर्वक समापन हो गया। सभी प्रवासी श्रमिकों को फेसमास्क देकर सामाजिक दूरी नियम के अनुसार सभागार में बैठाया गया। वरीय वैज्ञानिक-सह- प्रधान डाॅ0 रविशंकर ने प्रवासी श्रमिकों से कहा कि घरों में यदि मुर्गियां पाली जाएं तो देख-भाल, दाना पर अधिक खर्च नहीं आता है। 10 से 12 मुर्गियों के साथ कम खर्च में ही यूनिट लगाकर अंडे एवं मांस का उत्पादन किया जा सकता है। घर की महिलाएं और बच्चे भी मुर्गियों को पालने में सहयोग कर सकते हैं। मुर्गियों की नस्ल जैसे कड़कनाथ, चेभैरो, वनराजा, दिव्यायन रेड आदि का आसानी से पालन कर सकते हैं।गोड्डा जिला में अंडे और पौष्टिक मांस का अत्यधिक मांग होने से मुर्गीपालन का व्यवसाय अच्छा विकल्प बन सकता है। पशुपालन वैज्ञानिक डाॅ0 सतीश कुमार ने मुर्गियों में होने वाली प्रमुख बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण कराने की विधि बताई। चूजों को रानीखेत बीमारी से बचाने के चूजों की आँख और नाक में एफ-1 का टीका लगवाएं। गम्बोरो एक वायरस जनित बीमारी है, मुर्गियों को गम्बोरो बीमारी से बचाने के लिए इलेक्ट्रल पाउडर और विटामिन बी-काॅम्प्लेक्स को पानी में मिलाकर पिलाएँ और नेफ्टीन-200 दवा की एक ग्राम मात्रा प्रति किलो के हिसाब से दाना में मिलाकर खिलाएं। इंडियन बैंक के वित्तीय साक्षरता पदाधिकारी अनूप कुमार ने प्रवासी श्रमिकों को बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड से लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया बताई। किसान क्रेडिट कार्ड की सहायता से श्रमिक बन्धु को मुर्गीपालन करने के लिए कृषि ऋण मिल सकता है। कार्यक्रम के अन्त में सभी प्रवासी श्रमिकों को प्रमाण पत्र एवं सहजन का पौधा वितरित किया गया। मौके पर डाॅ0 सूर्यभूषण, डाॅ0 हेमन्त कुमार चौरसिया, डाॅ0अमितेश कुमार सिंह, डाॅ0 प्रगतिका मिश्रा, डाॅ0 रितेश दुबे, रजनीश प्रसाद राजेश, वसीम अकरम आदि वैज्ञानिक गण मौजूद रहे। नीलाम्बर कुमार, कन्हाई मांझी, सुनील कुमार, सुबोध रजक, विजय यादव जुल्फिकार अली भुट्टो समेत 35 प्रवासी श्रमिकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
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