ग्राम समाचार,बांका। समाहरणालय सभागार,बांका में आदर्श आचार संहिता कोषांग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। मास्टर ट्रेनर के रूप में उप निर्वाचन पदाधिकारी ,बांका, द्वारा आदर्श आचार संहिता के बारे में विस्तार पूर्वक प्रशिक्षण दिया गया। उनके द्वारा बताया गया कि प्रेस नोट जारी होने के दिन से ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है।
सर्वप्रथम 1960 ईस्वी में केरल के विधानसभा चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू किया गया था। उसके बाद बड़े पैमाने पर 1962 के लोकसभा चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य जितने भी अभ्यर्थी चुनाव लड़ रहे थे उनको एक समान सुविधा उपलब्ध कराना है। दूसरा उद्देश्य स्वस्थ एवं शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराना है। एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं या शुभचिंतकों को दूसरे राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं में मौखिक रूप से या लिखित रूप से प्रश्न पूछ कर या अपने दल के पर्चे वितरित करके गड़बड़ी पैदा नहीं करनी चाहिए। किसी दल द्वारा जुलूस उन स्थानों से लेकर नहीं जाना चाहिए जिन स्थानों पर दूसरे दल द्वारा सभाएं की जा रही हो। किसी भी सरकारी कार्यालय, भवन इत्यादि पर पोस्टर बैनर इत्यादि 24 घंटे के अंदर हट जाना चाहिए। किसी भी पब्लिक संपत्ति और वृक्ष पर से 48 घंटे के अंदर पंपलेट, बैनर इत्यादि हट जाना चाहिए। प्राइवेट प्रॉपर्टी पर से 72 घंटे के अंदर पोस्टर–बैनर इत्यादि हट जाना चाहिए। सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्ष को प्रेस नोट जारी होने के साथ ही नोटिस चला जाना चाहिए। वाहनों में नंबर के अलावा किसी भी तरह के नंबर प्लेट,पोस्टर,बैनर, झंडा इत्यादि नहीं लगा रहना चाहिए। किसी भी तरह के कल्याणकारी घोषणाओं पर प्रतिबंध रहेगा। किसी भी तरह की नियुक्ति, स्थानांतरण, पदस्थापन प्रेस नोट लागू होने के साथ ही बंद हो जाती है । किसी भी व्यक्ति के व्यक्तिगत आचरण पर टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। किसी भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी को ध्वज दंड बनाने, ध्वज टांगने,सूचनाएं चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिए किसी भी व्यक्ति को भूमि, भवन, हाता, दीवार आदि का उसकी अनुमति के बिना उपयोग करने की अनुमति अपने अनुयायियों को नहीं देनी चाहिए।
दल या अभ्यर्थी को किसी प्रस्तावित सभा स्थान और समय के बारे में संबंधित स्थानीय अधिकारी को उपयुक्त समय पर सूचना दे देनी चाहिए ताकि वे यातायात को नियंत्रण करने और शांति तथा व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक तैयारी कर सकें। किसी भी प्रस्तावित सभा के संबंध में लाउडस्पीकर के उपयोग का या किसी अन्य सुविधा के लिए आदेश प्राप्त करनी हो तो दल या अभ्यर्थी को संबंधित पदाधिकारी के पास पहले से ही आवेदन कर अनुज्ञप्ति प्राप्त कर लेनी चाहिए। किसी दल या व्यक्ति को पहले से यह बात तय कर लेनी चाहिए कि जुलूस किस समय और किस स्थान से शुरू होगा तथा किस मार्ग से होकर जाएगा और किस समय किस स्थान पर समाप्त होगा। आदर्श आचार संहिता के समय पहले आओ पहले पाओ की उक्ति विद्वान रहती है। मतदान के दिन बिना किसी परेशानी या बाधा के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें इसके लिए निर्वाचन में लगे अधिकारियों के साथ सहयोग करना चाहिए। किसी भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी द्वारा मतदान केंद्र के 200 मीटर के दायरे में कार्यालय इत्यादि नहीं खोले जाने चाहिए। मतदान के दिन वाहन चलाए जाने पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों का पालन करने में अधिकारियों के साथ सहयोग करना चाहिए और वाहनों के लिए परमिट प्राप्त कर उन्हें उन वाहनों पर ऐसे लगा दें जिससे कि यह साफ साफ दिखाई देता रहे। सत्ताधारी दल को चाहे वे केंद्र में हो या संबंधित राज्य में हो यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह शिकायत करने का कोई मौका ना दिया जाए कि उस दल ने निर्वाचन अभियान के प्रयोजनों के लिए अपने सरकारी पद का प्रयोग किया है और विशेष रूप से मंत्रियों को अपने शासकीय दौरों को निर्वाचन से संबंधित प्रचार के साथ नहीं जोड़ना चाहिए और निर्वाचन के दौरान प्रचार करते हुए मशीनयरी अथवा कार्मिकों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। सत्ताधारी दल या उसके अभ्यर्थियों का विश्राम गृह, डाकबंगलो या अन्य सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं होगा और ऐसे आवासों का प्रयोग निष्पक्ष तरीके से करने के लिए अन्य दलों और अभ्यर्थियों को भी अनुमति होगी लेकिन दलिया अभ्यर्थी ऐसे आवासों का प्रचार कार्यालय के रूप में या निर्वाचन प्रचार के लिए कोई सार्वजनिक सभा करने की दृष्टि से प्रयोग नहीं करेगा या प्रयोग करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। मास्टर ट्रेनर के द्वारा ई0वी0एम0 और वी0वी0पैट0 की भी जानकारी दी गई।
ब्यूरो रिपोर्ट, ग्राम समाचार, बांका।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें