रेवाड़ी, 17 अगस्त। कृषि तथा किसान कल्याण विभाग, हरियाणा द्वारा चालू वित्त वर्ष 2020-21 में पराली जलाने की घटनाओ एंव वायु प्रदुषण को कम करने के लिए फसल अवशेष प्रबन्धन स्कीम के तहत फसल अवशेषों को खेत में मिलाने व अन्य प्रबन्धन के लिए व्यक्तिगत श्रेणी के किसानों को 50 प्रतिशत व कस्टम हायरिंग सैन्टर स्थापित करने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है।
उपायुक्त कम चेयरमैन सीआरएम स्कीम यशेन्द्र सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस स्कीम के तहत नौ प्रकार के कृषि यन्त्र जैसे कि हैपी सीडर, सुपर एस एम एस, स्ट्रा बेलर विद रेक, पैडी स्ट्रा चोपर/स्रेडर/मल्चर, रोटरी स्लेशर/शर्ब मास्टर, रिवर्सीबल एम बी प्लाव, सुपर सीडर, जीरो टील ड्रील, सेल्फ प्रोपलड क्रॉप रीपर/ट्रैक्टर माउन्टिड क्रॉप रीपर/ रीपर कम बाईन्डरपर, अनुदान पर दिए जाएगें। डीसी ने बताया कि इच्छुक किसान विभाग के पोर्टल www.agriharyanacrm.com पर 21 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।
उप-कृषि निदेशक डॉ जसविन्दर ने बताया किसान इन कृषि यन्त्रों प्रयोग करके फसल अवशेषों का बेहतर प्रबन्धन कर सकते है। लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर लाभार्थियों का चयन ड्रा/लॉटरी माध्यम से किया जाएगा। एक किसान लाभार्थी अधिकतम तीन विभिन्न प्रकार के कृषि यन्त्र (प्रत्येक एक) के लिए अनुदान का पात्र होगा। प्रत्येक कृषि यन्त्र पर उपलब्ध अनुदान भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए है। उन्होंने बताया कि अधिकतम मूल्य का 50 प्रतिशत अथवा भारत सरकार द्वारा निर्धारित अधिकतम अनुदान राशी (जो भी कम हो) देय होगी। कृषि यन्त्रों की खरीद कृषि तथा किसान कल्याण विभाग, हरियाणा सरकार द्वारा अधिकृत कृषि यन्त्र निर्माता से करना अनिवार्य है।
सहायक कृषि अभियन्ता इंजी दिनेश शर्मा रेवाडी ने बताया इस स्कीम के तहत कृषि यन्त्रों पर अनुदान का लाभ लेने के लिए आवेदक किसान का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना आवश्यक है, अन्यथा किसान अनुदान का पात्र नही होगा। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए किसान उप कृषि निदेशक/ सहायक कृषि अभियन्ता रेवाड़ी के कार्यालय से सम्पर्क कर सकते है.
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