मनरेगा के कार्यों की मांग करने वाले मजदूरों से बात करते सोशल ओडिट टीम के सदस्य
ग्राम समाचार ,मसलिया । मनरेगा के तहत सोशल ऑडिट टीम के द्बारा यहा बिभिन्न पंचायत में काम मांगो अभियान के तहत जॉब कार्डधारियों से आबेदन संग्रह किया जारहा हैं।शुक्रबार यहां ज्ञान विज्ञान समिति के केंद्रीय समिति के सचिव काशी नाथ चटर्जी ने रानीश्वर प्रखंड के धानभाषा पंचायत के कई गांवों का दौरा कर काम मांगो अभियान का प्रगति का जमीनी जायजा लिया हैं। श्री चटर्जी के साथ ज्ञान विज्ञान समिति ,झारखंड के संजीत भंडारी, जिला समिति के सचिव प्रेम मोहली, सोशल ऑडिट टीम के सीआरपी जीवन नंदी, वी आर पी सुनीता, रेजिना मुर्मू परिमल पाल मौजूद थे।श्री चटर्जी ने बताया हैं कि सोशल ऑडिट के राज्य समन्वयक गुरजीत के आग्रह पर धानभाषा पंचायत के काम मांगो अभियान की प्रगति का जायजा लिया हैं।आगे बताया हैं कि यहां सोशल ऑडिट टीम के सदस्यों के द्बारा निष्ठा के साथ जॉबकार्ड धारियों से आबेदन पत्र संग्रह किया जारहा हैं । मनरेगा कर्मियों के हड़ताल में चले जाने के कारण अभियान में उनका सहयोग नही मिल रहा हैं।पंचायत के मुखिया, सचिव, वार्ड सदस्य का भी सहयोग नहीं मिलरहा हैं ।पंचायत के आदिबासी बहुल डांगालपाड़ा गांव में 50 मजदूरों ने आबेदन जमा किया हैं।टीम के सदस्य उन मजदूरों के साथ चर्चा कर मनरेगा कार्य को लेकर जागरूक कर रहा हैं।इस पंचायत में साठ फीसद आदिबासी हैं।यहा के अधिकांश लोग का आजीविका मजदूरी पर आधारित हैं। मजदूरों से चर्चा के क्रम में प्रकाश में आया हैं कि यहां के मजदूरों को की गयी कार्य का मजदूरी भुगतान ठेकेदार द्बारा किया जाता हैं। मजदूर ठेकेदार के अधीन कार्य करता हैं, मजदूरों को आज तक इसकी जानकारी नहीं हैं कि मजदूरी का भुगतान उसके बचत खाता के माध्यम से होती हैं।यह भी बताया हैं कि अधिकांश जॉबकार्ड धारियों का जॉबकार्ड एबं बचत खाता ठेकेदारों के कब्जा में हैं ।इस पंचायत के मजदूर दिल्ली, कश्मीर, गुजरात, सिक्किम राज्य में जाकर काम करता हैं।इस लिये की यहां मनरेगा के महत्वाकांक्षी कार्य पर बिचौलियों का कब्जा हैं।गांव के जहीरुद्दीन पिछले दिन रोजगार के तालाश में सिक्किम राज्य गया था।लक डाउन के पूर्ब अपना घर बापस आया हैं।जहीरुद्दीन सिक्किम के गैंगटॉक में पथ निर्माण का कार्य करता था।उसे प्रतिमाह दस हजार रुपये मजदूरी मिलता था।खाने में तीन हजार खर्च होता था, सात हजार रुपये घर भेजता था। यह भी बताया हैं कि यहां के मजदूरों को एजेंट अन्य राज्य काम करने ले जाता हैं।एजेंट प्रति मजदूर प्रतिमाह दो हजार रुपये कमीशन काट लेता हैं।यहां प्रत्येक पंचायत में मजदूरों को बाहर ले जाने का एक बड़ा चक्र काम करता हैं ,जो लोग मजदूरों का शोषण करता हैं। गांव के मजदूरों ने बताया हैं कि उन मजदूरों को मनरेगा के तहत अपने पंचायत में काम मिलने पर अन्य राज्य काम करने नहीं जायेगा।
गौतम चटर्जी, ग्राम समाचार रानीश्वर,दुमका।
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