डिप्टी हेल्थ मिनिस्टर ओलेग ने एक कैंसर सेंटर के उद्घाटन पर कहा, वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वैक्सीन सुरक्षित साबित हो। इसलिए यह सबसे पहले बुजुर्गों और मेडिकल प्रोफेशनल्स को दी जाएगी। रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि किसी वॉलंटियर्स में निगेटिव साइडइफेक्ट नहीं देखने को मिले। लैब को वैक्सीन के अप्रूवल का इंतजार है। इसकी अनुमति मिलते ही यह लोगों तक पहुंचाई जा सकेगी। देश में सितम्बर से वैक्सीन का उत्पादन शुरू किया जाना है। वहीं, अक्टूबर से राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान शुरू किए जाने की भी योजना है। वैक्सीन की पहली डोज डॉक्टर्स और टीचर्स को दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री मिखायल मुराशको के मुताबिक, दूसरी वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। इसे वैक्टर स्टेट सेंटर फॉर रिसर्च इन वायरोलॉजी ने तैयार किया है।
WHO ने जारी की चेतावनी
उधर रूस के इस दावे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कई तरह की शंकाएं जताई हैं। संगठन को वैक्सीन के तीसरे चरण को लेकर संशय है। संगठन के प्रवक्ता क्रिस्टियन लिंडमियर ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि अगर किसी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किए बगैर ही उसके उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, तो इसे खतरनाक मानना ही पड़ेगा। WHO ने कहा है कि रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता पर भरोसा करना मुश्किल है। वैक्सीन उत्पादन के लिए कई गाइडलाइन्स बनाई गई हैं, जो टीमें भी ये काम कर रहीं हैं उन्हें इसका पालन करना ही होगा। हाल ही में रूस ने वैक्सीन पर सभी क्लिनिकल ट्रायल खत्म होने का ऐलान किया था।WHO ने अपनी वेबसाइट पर क्लीनिकल ट्रायल से गुजर रहीं 25 वैक्सीन सूचीबद्ध की हैं, जबकि 139 वैक्सीन अभी प्री-क्लीनिकल स्टेज में हैं। रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने अक्टूबर से मास वैक्सीनेशन के लिए उपलब्ध होने की बात कही थी। साथ ही अन्य देशों को मदद का भरोसा भी दिया था।
(एजेंसी)
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