भागलपुर में बाढ़ का प्रकोप, गंगा से सटे गांवों में घूंसा बाढ़ का पानी



ग्राम समाचार, भागलपुर। जिले में गंगा और कोसी का कहर जारी है। एक ओर जहां गंगा का जलस्तर बढ़ने से कहलगांव, नारायणपुर, सबौर, इंगलिश फरका और घोंघा क्षेत्र में कई जगहों पर बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं दूसरी ओर कहारपुर पंचायत के दर्जनों घर में कोसी नदी का पानी घुस गया है। कहलगांव प्रखंड के तीन गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। कई घर जलमग्न हो गये हैं। ग्रामीणों को पशुचारा की चिंता सताने लगी है। सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिये राहत और बचाव के कार्य अबतक शुरू नहीं किये गये हैं। घोघा के अठगामा और पन्नूचक दियारा क्षेत्र के कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। यहां अधिकांश ग्रामीण सड़कें पानी में डूब चुकी है। लोग नौकाओं से आवाजाही कर रहे हैं। यहां मवेशियों को ऊंचे स्थान पर पहुंचाना और पशुचारा का बंदोबस्त बड़ी समस्या हो गई है। उधर वहीं तौफिल और अनठावन गांवों में बाढ़ पानी प्रवेश कर चुका है। बिरबन्ना से तौफिल अनठावन और कुटिटोला सें रानीदियारा गांवों का सड़क संपर्क भंग हो गया है। उधर नारायणपुर प्रखंड के बैकंठपुर दुधैला पंचायत में कई घरों में गंगा का पानी घुसा है। बैकंठपुर, दुधैला, विसौनी, गंगापुर व चौहद्दी के लगभग तीन हजार की आबादी प्रभावित है। बैकंठपुर दुधैला को पांच नाव, शहजादपुर पंचायत को एक और रायपुर के तेलडीहा गांव को दो नाव दिया गया है। वहीं हरिओ पंचायत के कहारपुर वार्ड नंबर चार और पांच के करीब 40 घर और 150 एकड़ खेत, बगान, इमारती लकड़ी, फलदार पेड़ डेढ़ महीने के अंदर कोसी में समा गए। कहारपुर के बाढ़ पीड़ित कई परिवार गांव में ऊंचे स्थान पर तो कई गांव छोड़कर बाहर चले गये। ग्रामीणों ने बताया कि कोसी का पानी कभी घटता है तो कभी बढ़ रहा है। अभी पानी से बीमारी की आशंका कम है क्योकि पानी चल रहा है। हालांकि बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच सूखा राहत सामग्री एवं प्लास्टिक का वितरण किया गया है। सीओ बलिराम प्रसाद ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच सूखा राशन एवं प्लास्टिक का वितरण कर दिया गया है और नकद मिलने वाली राशि को लेकर संपूर्ति पोर्टल पर नाम अपडेट किया जा रहा है। कोसी नदी किनारे स्थित पीपरपांती गांव के समीप जमीनदारी बांध में अचानक भीषण कटाव शुरू हो है। जिससे लोगों में भय उत्पन्न हो गया। कटाव की रफ्तार इतनी तेज है कि मिट्टी कटकर नदी में समा रहा है। किन्तु अब तक विभाग द्वारा कोई बचाव कार्य शुरू नहीं किया गया। ग्रामीणों ने कहा कि अगर कटाव की रफ्तार में कमी नहीं आई तो पूरा गांव नदी में समा जाएगा। ग्रामीणों ने संबंधित पदाधिकारियों से शीघ्र इस दिशा में पहल की मांग की है।

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Editor - Bijay shankar

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