ग्राम
समाचार कुंडहित: कोरोना लॉकडाउन का सबसे खतरनाक असर बांस के उत्पाद तैयार कर उसे
अपनी आजीविका चलाने वाले मोहली और हरिजन समुदाय के लोगों पर गिरी है। वर्षों से
चली आ रही परंपरा के अनुसार इन लोगों ने लॉकडाउन के पहले उधार में बांस खरीद कर
लाखों के उत्पाद तैयार कर लिए थे। उत्पाद तैयार करने के बाद लॉकडाउन लग गया जिसके
बाद मेले, ठेले, हटिया बाजार सब बंद हो गए।वही बाहर से
आने वाले व्यापारी भी नहीं आ पाए जिस वजह से उधार के बाद से तैयार लाखों का सामान
बेकार होना शुरू हो गया। पिछले 2 महीने के दौरान तैयार सामानों के नष्ट होने का
सिलसिला तेज हो गया है। मोहली और हरिजन समुदाय के लोग बांस के उत्पाद तैयार कर
अपनी आजीविका चलाते हैं। क्षेत्र में ऐसे लोगों की संख्या हजारों में है। लॉकडाउन
के कारण पहले तो सीमावर्ती बंगाल के पाथल चापड़ी में लगने वाला वार्षिक मेला नहीं
लगा उसके बाद देवघर, बासुकीनाथ में लगने वाला विश्व प्रसिद्ध सावन मेला भी नहीं लग
पाया वही बंगाल से आने वाले व्यापारी भी
सामान खरीदने नहीं आए। फिलहाल क्षेत्र के मोहल्ला और हरिजन समुदाय के लोग गंभीर
आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें सरकार फौरी
तौर पर राहत दिलाए ताकि वह आने वाले दिनों में सामने आने वाली भुखमरी की समस्या का
सामना कर सके।
राहुल देव, ग्राम
समाचार, कुंडहित
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