सिविल सर्जन ने कोरोना पोजेटिव होने की पुष्टि की थी। वे एक सप्ताह से बीमार चल रहे थे। मृतक इससे से पूर्व पथरगामा प्रखंड के सोनार चक पंचायत के पंचायत सचिव भी रहे चुके थे। कुछ दिन पूर्व ही पथरगामा से महागामा तबादला हुआ था। फिलहाल जिले में दर्जन भर संक्रमित मरीज पाए गए है जिसको कोरोनटाइन सेंटर में स्वास्थ्य विभाग के निगरानी में रखे गए है।
मिली जानकारी के अनुसार, मृतक एक सप्ताह से बीमार चल रहे थे। शनिवार को ही कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद प्रखंड एवं अंचल प्रशासन हरकत में आया और उन्हें घर से महागामा रेफरल अस्पताल लाया गया।
पंचायत सचिव की कोरोना वायरस के कारण हुई मौत से जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की तैयारी इस जानलेवा वायरस से निपटने के लिए प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग कितना संवेदनशील एवं सक्षम है इसकी पोल पंचायत सचिव के मौत के बाद से पूरी तरह खुल गई है।
स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्था का आलम यह है कि कोरोना संक्रमित को इलाज के लिए सिकटीया स्थित कोविड-19 अस्पताल ले जाने के बजाय सदर अस्पताल में ही इलाज के लिए भर्ती किया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंचायत सचिव के मौत के महागामा सामुदायिक अस्पताल कर्मी दहशत में है जिससे रविवार को अस्पताल पूरी तरह से बंद दिखा एक भी कर्मी नहीं दिखे।
मिली जानकारी के अनुसार पंचायत सचिव को पहले महगामा अस्पताल लाया गया था जिसके चलते अस्पताल कर्मी में दहसत का माहौल है।
वहीं कोरोना वायरस के कारण पंचायत सचिव की मौत के बाद मृतक का शव रविवार की दोपहर बाद तक लावारिस की तरह पड़ी रही। मृतक के परिजन शव को गांव ले जाने के लिए तैयार नहीं थे। परिजनों का कहना था कि गांव वाले
मिली जानकारी के अनुसार पंचायत सचिव को पहले महगामा अस्पताल लाया गया था जिसके चलते अस्पताल कर्मी में दहसत का माहौल है।
वहीं कोरोना वायरस के कारण पंचायत सचिव की मौत के बाद मृतक का शव रविवार की दोपहर बाद तक लावारिस की तरह पड़ी रही। मृतक के परिजन शव को गांव ले जाने के लिए तैयार नहीं थे। परिजनों का कहना था कि गांव वाले
वहीं कोरोना संक्रमित से हुई मौत के बाद ग्रामीण उनका अंतिम संस्कार गांव में करने का विरोध कर रहे हैं। लाठी डंडा लेकर तैयार हैं। ऐसी स्थिति में गांव में अंतिम संस्कार करना संभव नहीं है।
परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ही बताए अब इनका अंतिम संस्कार कहां करना है। शव को सदर अस्पताल में घंटों तक खुले में पड़ी रहने के कारण अस्पताल के कर्मी में ख़ौप का माहौल है। वहीं परिजन भी अस्पताल के अंदर जाने से हिचकिचा रहे थे।
- ग्राम समाचार, ब्यूरो रिपोर्ट।
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