ग्राम समाचार, भागलपुर। शोध परिषद खरीफ - 2020 की दो दिवसीय बैठक मंगलवार को बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डा० अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रारम्भ हुई। बैठक की शुरुआत में निदेशक शोध डा0 आई एस0 सोलंकी ने अध्यक्ष और अन्य आगन्तुकों का स्वागत किया एवं विश्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न शोध कार्यों पर समीक्षात्मक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा पाँच अनुसंधान सलाहकार समुहों का गठन किया गया है। इनमें फसल सुधार, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, फसल सुरक्षा, सामाजिक विज्ञान और उत्पाद विकास एवं विपणन शामिल हैं। विश्वविद्यालय में कुल 546 अनुसंधान परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है, जिनमें कई परियोजनाएँ राष्ट्रीय तथा कई अन्तराष्ट्रीय विभागों एवं संस्थाओं द्वारा वित्त सम्पोषित हैं। कई परियोजनाओं का शोध कार्य सफलतापूर्वक सम्पन्न किया जा चुका है। इसके अलावा कई कन्सल्टेन्सी परियोजनाएँ भी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित की जा रही है। विश्वविद्यालय द्वारा अभी तक विभिन्न फसलों की कुल 22 प्रजातियाँ एवं 42 किसानोन्मुखी तकनिकियाँ विकसित एवं विमोचित की जा चुकी है। साथ ही बिहार के चार बहुमूल्य कृषि उत्पादों के लिए भौगोलिक सूचकांक भी प्राप्त किया जा चुका है। निदेशक अनुसंधान ने विश्वविद्यालय में चल रहे शोध कार्यों की सराहना करते हुए इस दिशा में तेजी से कार्य करने का दिशा-निर्देश दिया। क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रसार सलाहकार समिति, जोन III ए, जोन III बी. एवं जोन II की बैठक के कार्रवाई का विवरण कमशः प्राचार्य बिहार कृषि महाविद्यालय, सबौर, क्षेत्रीय निदेशक, कृषि अनुसंधान संस्थान पटना तथा प्राचार्य सह निदेशक, क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान, अगवानपुर द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इस दो दिवसीय शोध परिषद बैठक में विभिन्न शोध परियोजनाओं से संबंधित कुल 42 प्रस्तुतियाँ दीजायेंगी और उनपर विस्तार से चर्चा की जायेगी। बैठक द्वारा बैंगन की एक नई प्रजाति एवं छः नई कृषि उपयोगी तकनीकों को विमोचित किये जाने की संभावना है। उद्घाटन सत्र के दौरान कुलपति डा० अजय कुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न शोध कार्यों की सराहना करते हुए वैज्ञानिकों को जलवायु परिवर्तन के परिपेक्ष्य मे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस बैठक में विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक गण, प्राचार्य, विभागाध्यक्ष एवं वैज्ञानिक गण मौजुद थे। वहीं उप-निदेशक अनुसंधान डा0 शैलबाला देई ने बैठक के दौरान कोविड-19 महामारी से बचने के लिए दिये गये सभी सलाह एवं निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया।
इस दो दिवसीय शोध परिषद बैठक में विभिन्न शोध परियोजनाओं से संबंधित कुल 42 प्रस्तुतियाँ दीजायेंगी और उनपर विस्तार से चर्चा की जायेगी। बैठक द्वारा बैंगन की एक नई प्रजाति एवं छः नई कृषि उपयोगी तकनीकों को विमोचित किये जाने की संभावना है। उद्घाटन सत्र के दौरान कुलपति डा० अजय कुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न शोध कार्यों की सराहना करते हुए वैज्ञानिकों को जलवायु परिवर्तन के परिपेक्ष्य मे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस बैठक में विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक गण, प्राचार्य, विभागाध्यक्ष एवं वैज्ञानिक गण मौजुद थे। वहीं उप-निदेशक अनुसंधान डा0 शैलबाला देई ने बैठक के दौरान कोविड-19 महामारी से बचने के लिए दिये गये सभी सलाह एवं निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया।
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