ग्राम समाचार जामताड़ा।
जामताड़ा विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी आज झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से मिलकर नारायणपुर थाना क्षेत्र की बूटबेरिया पंचायत के जाहेडीह गांव के ग्रामीणों पर वन विभाग द्वारा वन क्षेत्र के लगे पेड़ों को काटने पर झूठे केस मुकदमे दर्ज करने को लेकर वार्ता किया। मौके पर विधायक जी ने कहा की विभाग द्वारा बेकसूर आदिवासियों पर बेवजह केस किया गया जबकि सच तो यह है की आंधी तूफान आने के कारण पेड़ पौधे गिर गए थे जिस्की टहनी एवं पत्तों को, जो पेड़ से अलग हो गए थे,ग्रामीणों ने चुन बीचके अपने घर ले आये था।
सूचना मिलते ही मैं गांव पहुंचा था जहां सभी लोग काफी आक्रोश में थे और उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा उन लोगों से केस वापस लेने के लिए ₹10 लाख की मांग की परंतु हमारे आदिवासी भाई इतने गरीब एवं लाचार हैं कि इनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह इन्हें घुस के रूप में दे सकें। मैंने मौके पर रेंजर को भी बुलाया और घटना की जानकारी भी ली। सभी भाइयों ने यहां तक निर्णय ले लिया कि यह लोग लॉकडाउन को देखते हुए पैदल ही मुख्यमंत्री आवास जाएंगे और मुख्यमंत्री जी से मिलकर अपनी समस्या को रखेंगे परंतु मैंने उन्हें भरोसा दिलाया कि मैं रांची जाकर आप लोगों की बात मुख्यमंत्री जी से रखूंगा ।आप लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। मौके पर मुख्यमंत्री जी ने मामले को संज्ञान में लिया और उपायुक्त जामताड़ा से बात कर मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया और कहा कि जो भी दोषी पदाधिकारी है उसको अविलंब सस्पेंड किया जाए। गरीबों के साथ अन्याय एवं जुल्म किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आगे विधायक जी ने बताया की राज बदल चुका है,शासन बदल चुका है,इसलिए मैं बता देना चाहता हूं की पदाधिकारी इमानदारी से काम करें एवं गरीबों के साथ न्याय करें। राज आदिवासी का है। जल जंगल जमीन तो इनकी पहचान है और इसकी रक्षा तो यह लोग अपने धर्म से बढ़कर करते हैं। यह लोग ऐसा काम नहीं कर सकते।
अरविंद ओझा, ग्राम समाचार, जामताड़ा।
जामताड़ा विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी आज झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से मिलकर नारायणपुर थाना क्षेत्र की बूटबेरिया पंचायत के जाहेडीह गांव के ग्रामीणों पर वन विभाग द्वारा वन क्षेत्र के लगे पेड़ों को काटने पर झूठे केस मुकदमे दर्ज करने को लेकर वार्ता किया। मौके पर विधायक जी ने कहा की विभाग द्वारा बेकसूर आदिवासियों पर बेवजह केस किया गया जबकि सच तो यह है की आंधी तूफान आने के कारण पेड़ पौधे गिर गए थे जिस्की टहनी एवं पत्तों को, जो पेड़ से अलग हो गए थे,ग्रामीणों ने चुन बीचके अपने घर ले आये था।
सूचना मिलते ही मैं गांव पहुंचा था जहां सभी लोग काफी आक्रोश में थे और उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा उन लोगों से केस वापस लेने के लिए ₹10 लाख की मांग की परंतु हमारे आदिवासी भाई इतने गरीब एवं लाचार हैं कि इनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह इन्हें घुस के रूप में दे सकें। मैंने मौके पर रेंजर को भी बुलाया और घटना की जानकारी भी ली। सभी भाइयों ने यहां तक निर्णय ले लिया कि यह लोग लॉकडाउन को देखते हुए पैदल ही मुख्यमंत्री आवास जाएंगे और मुख्यमंत्री जी से मिलकर अपनी समस्या को रखेंगे परंतु मैंने उन्हें भरोसा दिलाया कि मैं रांची जाकर आप लोगों की बात मुख्यमंत्री जी से रखूंगा ।आप लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। मौके पर मुख्यमंत्री जी ने मामले को संज्ञान में लिया और उपायुक्त जामताड़ा से बात कर मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया और कहा कि जो भी दोषी पदाधिकारी है उसको अविलंब सस्पेंड किया जाए। गरीबों के साथ अन्याय एवं जुल्म किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आगे विधायक जी ने बताया की राज बदल चुका है,शासन बदल चुका है,इसलिए मैं बता देना चाहता हूं की पदाधिकारी इमानदारी से काम करें एवं गरीबों के साथ न्याय करें। राज आदिवासी का है। जल जंगल जमीन तो इनकी पहचान है और इसकी रक्षा तो यह लोग अपने धर्म से बढ़कर करते हैं। यह लोग ऐसा काम नहीं कर सकते।
अरविंद ओझा, ग्राम समाचार, जामताड़ा।
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