वट सावित्री व्रत करती घुरमुन्दनी गांव की महिलाएं |
महिलाएं सुबह से पुजा के तैयारी मे लग जाती हैं, जह सबसे पहले नहा -धो कर शुद्ध हो कर नया वश्त्र धारन कर व्रती समुह बना कर वटवृक्ष स्थन पहुंचती हैं। सभी महिलाएं आरवसुत से वटवृक्ष मे 11,22,108 परीक्रमा के साथ सुत बंधती हैं।
धुप,अगरवत्ती ,मिठाई, वताशा आदि वृक्ष देब को चडावा के रुप मे चडाती हैं। व्रती आपस मे एक दूसरे को पुजा किया हुआ सिन्दूर माँग मे लगती हैं। एवं बुढे,बुजूर्ग व बडों से आशिर्वाद प्राप्त करते हैं। बुजुर्गो से मिली जानकारी के अनुसार- यह व्रत
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक वर्ष के ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री का व्रत एवं पूजन किया जाता है। इस वर्ष वट सावित्री व्रत आज मनाया जा रहा है। वहीं आज की तिथि को शनि देव का जन्म हुआ था, इसलिए आज शनि जयंती भी है। स्त्रियां वट सावित्री व्रत विशेष पर्व के रूप में मनाती हैं। इसमें वट यानी बरगद के वृक्ष का विधिवत पूजन कर परिक्रमा करते हुए महिलाएं भगवान विष्णु एवं यम देव को समर्पित यह पूजन अपने सौभाग्य को अखण्ड और अक्षुण्य बनाए रखने की कामना से करती हैं।
मौके पर मौकेपर पुजा देबी,अन्नुअल देबी शेखा देवी आदि व्रती मौजूद रहे थे।
विपत यादव,ग्राम समाचार,मसलिया ।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें