ग्राम समाचार, रांची। झारखंड विकास मोर्चा ( JVM ) के सुप्रीमो बाबू लाल मरांडी ( Babulal Marandi ) आज बीजेपी ( BJP ) में शामिल हो गए।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) की मौजूदगी में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। इतना ही उनकी पार्टी जेवीएम का भी बीजेपी में विलय हो गय है। जानकारी के मुताबिक, रांची के प्रभात तारा मैदान में भव्य समारोह के दौरान बाबू लाल मरांडी ने बीजेपी का दामन थामा। इस मौके पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ( JP Nadda ), केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत राज्य के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे।
2006 में BJP से अलग हुए थे बाबूलाल
झारखंड गठन के साथ ही 15 नवंबर 2000 को बाबूलाल मरांडी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे। राज्य के मुखिया के रूप में ये उनकी पहली पारी थी, बाबूलाल को यहां जबर्दस्त गुटबाजी का सामना करना पड़ा। मात्र 28 महीने बाद उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। बाबूलाल मरांडी के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अर्जुन मुंडा प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री बने थे। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच गुटबाजी की खबरें भी आती रही। इस दौरान झारखंड में ट्राइबल बनाम गैर ट्राइबल की आदिवासी लड़ाई चलती रही।
2004 में जब बीजेपी (BJP) की केंद्र की सत्ता से बाहर हो गई तो बाबूलाल मरांडी ने कोडरमा लोकसभा सीट से चुनाव जीता। बाबूलाल मरांडी का राज्य नेतृत्व से विवाद बढ़ता गया। कई बार उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार की आलोचना की। 2006 आते-आते बाबूलाल बीजेपी (BJP) में उबने लगे। उन्होंने कोडरमा लोकसभा सीट और बीजेपी (BJP) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और झारखंड विकास मोर्चा का गठन किया। बीजेपी (BJP) के 5 विधायक भी उनके साथ उनकी पार्टी में शामिल हुए।
इसके बाद बाबूलाल मरांडी कोडरमा लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और जीत हासिल की। 2009 लोकसभा चुनाव में वे जेवीएम(JVM) के टिकट पर कोडरमा से चुनाव लड़े और एक बार फिर जीते।
गौरतलब है कि मरांडी की बीजेपी में 14 साल बाद वापसी हुई है। बाबूलाल मरांडी झारखंड के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं। माना जा रहा है कि भाजपा में आने के बाद उन्हें किसी बड़े पद की जिम्मेदारी दी जाएगी। चर्चा यहां तक है कि झारखंड विधानसभा में मरांडी बीजेपी के नेता हो सकते हैं।
यहां आपको बता दें कि झारखंड राज्य गठन के बाद भाजपा के नेतृत्व में बनी सरकार में प्रथम मुख्यमंत्री का तमगा पाने वाले बाबूलाल 2006 में कुछ मतभेदों को लेकर भाजपा से अलग हो गए थे। इसके बाद उन्होंने झारखंड विकास मोर्चा के नाम से अलग पार्टी बना ली। हालांकि भाजपा से अलग होने के बाद बाबूलाल की राजनीति झारखंड में उतना रंग नहीं लाई, जितने कद्दावर वे माने जाते हैं।
कार्यक्रम में मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, सांसद अन्नपूर्णा देवी, लक्ष्मण गिलुवा, सांसद पीएन सिंह समेत झारखंड भाजपा के सभी बड़े नेता मंच पर मौजूद रहे। गौरतलब है कि हाल ही में झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को शिकस्त मिली है। लिहाजा, पार्टी यहां एक बार फिर अपनी स्थिति मजबूत करने में जुट गई है। अब देखना यह है कि मरांडी के बीजेपी में आने से राज्य में पार्टी की स्थिति किस तरह मजबूत होती है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) की मौजूदगी में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। इतना ही उनकी पार्टी जेवीएम का भी बीजेपी में विलय हो गय है। जानकारी के मुताबिक, रांची के प्रभात तारा मैदान में भव्य समारोह के दौरान बाबू लाल मरांडी ने बीजेपी का दामन थामा। इस मौके पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ( JP Nadda ), केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत राज्य के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे।
2006 में BJP से अलग हुए थे बाबूलाल
झारखंड गठन के साथ ही 15 नवंबर 2000 को बाबूलाल मरांडी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे। राज्य के मुखिया के रूप में ये उनकी पहली पारी थी, बाबूलाल को यहां जबर्दस्त गुटबाजी का सामना करना पड़ा। मात्र 28 महीने बाद उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। बाबूलाल मरांडी के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अर्जुन मुंडा प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री बने थे। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच गुटबाजी की खबरें भी आती रही। इस दौरान झारखंड में ट्राइबल बनाम गैर ट्राइबल की आदिवासी लड़ाई चलती रही।
2004 में जब बीजेपी (BJP) की केंद्र की सत्ता से बाहर हो गई तो बाबूलाल मरांडी ने कोडरमा लोकसभा सीट से चुनाव जीता। बाबूलाल मरांडी का राज्य नेतृत्व से विवाद बढ़ता गया। कई बार उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार की आलोचना की। 2006 आते-आते बाबूलाल बीजेपी (BJP) में उबने लगे। उन्होंने कोडरमा लोकसभा सीट और बीजेपी (BJP) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और झारखंड विकास मोर्चा का गठन किया। बीजेपी (BJP) के 5 विधायक भी उनके साथ उनकी पार्टी में शामिल हुए।
इसके बाद बाबूलाल मरांडी कोडरमा लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और जीत हासिल की। 2009 लोकसभा चुनाव में वे जेवीएम(JVM) के टिकट पर कोडरमा से चुनाव लड़े और एक बार फिर जीते।
गौरतलब है कि मरांडी की बीजेपी में 14 साल बाद वापसी हुई है। बाबूलाल मरांडी झारखंड के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं। माना जा रहा है कि भाजपा में आने के बाद उन्हें किसी बड़े पद की जिम्मेदारी दी जाएगी। चर्चा यहां तक है कि झारखंड विधानसभा में मरांडी बीजेपी के नेता हो सकते हैं।
यहां आपको बता दें कि झारखंड राज्य गठन के बाद भाजपा के नेतृत्व में बनी सरकार में प्रथम मुख्यमंत्री का तमगा पाने वाले बाबूलाल 2006 में कुछ मतभेदों को लेकर भाजपा से अलग हो गए थे। इसके बाद उन्होंने झारखंड विकास मोर्चा के नाम से अलग पार्टी बना ली। हालांकि भाजपा से अलग होने के बाद बाबूलाल की राजनीति झारखंड में उतना रंग नहीं लाई, जितने कद्दावर वे माने जाते हैं।
कार्यक्रम में मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, सांसद अन्नपूर्णा देवी, लक्ष्मण गिलुवा, सांसद पीएन सिंह समेत झारखंड भाजपा के सभी बड़े नेता मंच पर मौजूद रहे। गौरतलब है कि हाल ही में झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को शिकस्त मिली है। लिहाजा, पार्टी यहां एक बार फिर अपनी स्थिति मजबूत करने में जुट गई है। अब देखना यह है कि मरांडी के बीजेपी में आने से राज्य में पार्टी की स्थिति किस तरह मजबूत होती है।
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